विधानसभा अध्यक्ष ने BSP विधायक से कहा- ''जब प्यार किया तो डरना क्या''
उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में उस समय सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब विधानसभाध्यक्ष ने बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक से कहा, ‘‘जब प्यार किया तो डरना क्या।''
लखनऊ: महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में उस समय सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब विधानसभाध्यक्ष ने बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक से कहा, ‘‘जब प्यार किया तो डरना क्या।''
बसपा समेत समूचे विपक्ष ने विधानसभा के बुधवार को सुबह 11 बजे शुरू हुए विशेष सत्र का वहिष्कार किया था। लेकिन बसपा सदस्य मोहम्मद असलम रायनी ने गुरुवार को इसमें शामिल होकर सबको चौंका दिया। विशेष सत्र में रायनी ने कहा कि वह अंतरात्मा की आवाज पर सत्र में आए हैं और उन्होंने इस विशेष सत्र के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। इससे पहले रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह भी कल रात इस विशेष सत्र में शामिल हुई थीं।
बसपा सदस्य ने मुख्यमंत्री योगी की ओर इशारा करते हुए कहा, ''अब ज्यादा धन्यवाद देंगे तो सब कहेंगे कि विलय तो नहीं कर दिया।'' इतना सुनते ही विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि अब डरने की कोई जरूरत नही, ''जब प्यार किया तो डरना क्या।'' उनकी इस टिप्पणी पर मुख्यमंत्री योगी और अन्य सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
विधायक रायनी ने कहा, ''मेरा मानना है कि विपक्ष के सदस्यों को यहां आना चाहिए और अपने क्षेत्र में चल रही सरकारी योजनाओं की कमियों के बारे में सरकार को अवगत कराना चाहिए।'' विधायक ने जोर देकर कहा कि वह बसपा में ही हैं लेकिन उन्हें यह कहने में कोई संकोच नही है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बहन मायावती की सरकार में अच्छी थी और उसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी की सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि प्रदेश के एक नेता (सपा के आजम खान) के खिलाफ 83 मामले दर्ज किये गए हैं और उस पर ध्यान दें ताकि यह संदेश जाएं कि उनका दिल बहुत बड़ा और साफ है। उन्होंने मांग की कि विधायक निधि बढाकर पांच करोड़ रूपये कर दी जाए। बसपा विधायक ने भाजपा के बूथ प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि जो काम करेगा वह जीतेगा। हम (बसपा) भाजपा के सामने कहीं नहीं ठहरते क्योंकि हमारे यहां हम जैसे विधायकों की कोई कद्र नहीं होती। और चुनाव हारने के बाद ईवीएम को दोष देना ठीक नही है।''
विधायक ने कहा, ‘‘मैं सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं से बहुत प्रभावित हूं मुझे उन लोगों (विपक्ष) के लिए बुरा लग रहा है जो आज भी यहां नही हैं।’’