सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्नाव रेप पीड़िता को AIIMS में कराया भर्ती, एयर एंबुलेंस से किया गया शिफ्ट
दिल्ली यातायात पुलिस ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को आईजीआई हवाईअड्डे से एम्स के ट्रॉमा सेंटर तक लाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर (निर्बाध रास्ता) बनाया और 14 किलोमीटर की दूरी 18 मिनट में तय की।
नई दिल्ली: दिल्ली यातायात पुलिस ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को आईजीआई हवाईअड्डे से एम्स के ट्रॉमा सेंटर तक लाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर (निर्बाध रास्ता) बनाया और 14 किलोमीटर की दूरी 18 मिनट में तय की। पुलिस ने बताया कि पिछले सप्ताह सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई पीड़िता को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार को लखनऊ से हवाई मार्ग के जरिए सोमवार शाम दिल्ली लाया गया।
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर पीड़िता को निर्बाध रास्ता मुहैया कराया गया। एंबुलेंस हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 से रात नौ बजे चली और एम्स ट्रॉमा सेंटर में रात नौ बजकर 18 मिनट पर पहुंच गयी। पीड़िता को टर्मिनल-1 से थिम्मैया मार्ग, परेड मार्ग, जीजीआर, धौला कुआं लूप, रिंग रोड, मोती बाग फ्लाईओवर, हयात फ्लाईओवर और राजनगर फ्लाईओवर के नीचे से झंडू सिंह मार्ग से होते हुए आपातकालीन द्वार के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
सूत्रों के अनुसार पीड़िता को सोमवार रात ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती किया गया। उन्होंने बताया कि पीड़िता को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया है और डॉक्टरों की एक टीम उसकी स्थिति पर नजर रख रही है। पीड़िता और उसका वकील 28 जुलाई को रायबरेली में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया था कि यह घटना कोई हादसा नहीं, बल्कि इसे बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अंजाम दिलाया।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने लखनऊ स्थित केजीएमसी अस्पताल में भर्ती उन्नाव रेप पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए विमान से दिल्ली लाने और एम्स में भर्ती कराने का सोमवार को निर्देश दिया था। रेप पीड़िता पिछले सप्ताह कार और ट्रक की टक्कर में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने यह निर्देश देने से कुछ मिनट पहले ही पीड़िता और उसके घायल वकील को एम्स स्थानांतरित करने का मामला शुक्रवार के लिये स्थगित कर दिया था क्योंकि उनके परिवार की ओर से इस तरह का अनुरोध करने के लिये कोई उपस्थित नहीं था।
कुछ समय बाद परिवार के सदस्य की ओर से एक वकील पीठ के समक्ष पेश हुए और कहा कि पीड़िता की मां चाहती हैं कि उनकी बेटी को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लाया जाये क्योंकि उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुयी है। पीठ ने पीड़िता की ओर से पेश अधिवक्ता डी रामकृष्ण रेड्डी के कथन का संज्ञान लेते हुये उसे किंग जार्ज मेडिकल कालेज से एम्स स्थानांतरित करने का आदेश दिया। पीठ ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिये निर्धारित करते हुये स्पष्ट किया कि घायल वकील का परिवार भी यह राहत प्राप्त कर सकता है और उन्हें जब भी आवश्यकता हो, संपर्क कर सकता है।
भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में पीड़िता से उस समय कथित रूप से रेप किया था जब वह नाबालिग थी। पीड़िता इस समय जीवन रक्षक उपकरणों पर है। पिछले सप्ताह रायबरेली के निकट उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में महिला की चाची और मौसी की मृत्यु हो गयी थी जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये। पीठ को सूचित किया गया कि न्यायालय के निर्देशानुसार महिला के चाचा महेश सिंह को उन्नाव जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है।
महिला की कार के साथ ट्रक की टक्कर में महेश सिंह की पत्नी भी मृत्यु हो गयी थी और उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें एक दिन की पैरोल पर रिहा किया था। इसके साथ ही न्यायालय ने इस प्रकरण से संबंधित सभी मामले दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिये थे और सीबीआई को निर्देश दिया था कि ट्रक दुर्घटना के मामले की जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी करे। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि इस जांच की अवधि सात दिन ही और आगे बढ़ाई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश विधान सभा में बांगरमऊ क्षेत्र से चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पिछले साल अप्रैल 2018 से जेल में हैं।
(इनपुट- भाषा)