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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, यूपी में है PM मोदी का स्वदेशी विजन पूरा करने की क्षमता

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, यूपी में है PM मोदी का स्वदेशी विजन पूरा करने की क्षमता

गडकरी ने कहा कि अगर विजन विकास का हो, देश हित में हो और क्रियान्वयन सही तरीके से हो तथा निर्णय में पारदर्शिता हो तो देश की उन्नति को कोई रोक नहीं सकता।

Nitin Gadkari, Swadeshi Vision, Nitin Gadkari Narendra Modi, Nitin Gadkari Uttar Pradesh- India TV Hindi Image Source : PTI FILE केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री के स्वदेशी विजन को पूरा करने की क्षमता उत्तर प्रदेश में है।

लखनऊ: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री के स्वदेशी विजन को पूरा करने की क्षमता उत्तर प्रदेश में है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आयोजित जनसंवाद में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े यूपी के लोगों से संवाद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी विजन को पूरा करने की क्षमता यूपी में है। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसा करने के लिए प्रदेश को अपने संसाधनों का उपयोग करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘अगर विजन विकास का हो, देश हित में हो और क्रियान्वयन सही तरीके से हो तथा निर्णय में पारदर्शिता हो तो देश की उन्नति को कोई रोक नहीं सकता। इसी विचार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार काम कर रही है।’ उन्होंने नदियों, खासकर गंगा को उत्तर प्रदेश का ग्रोथ इंजन बताया। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि कानपुर से लेकर वाराणसी तक आज गंगा नदी 80 प्रतिशत तक साफ हो गई है। गडकरी ने कहा कि सुखी, समृद्ध भारत का निर्माण व गांव, गरीब, किसान का कल्याण करने वाला देश का निर्माण हो, यही हमारी विचारधारा है।

गडकरी ने कहा, ‘यूपी के पास गन्ना मिलों का प्रचुर क्षेत्र है। यहां के गन्ना किसानों को उद्यमी बनना होगा। केवल एथनॉल का अगर उपयोग किया जाए तो प्रदेश सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन सकता है। किसानों को गन्ना का उचित मूल्य देने और गन्ने के हर भाग को उद्यम से जोड़ने पर किसानों को भारी लाभ होगा। बैंकों से बात करके मिलों को चलाना चाहिए और भारी मात्रा में एथनॉल का उत्पादन करना चाहिए।’ उन्होंने नई तकनीक से सड़क बनाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से खर्च घटने के साथ रखरखाव भी न्यूनतम होगा और सड़कें 3 पीढ़ियों तक यानी 200 साल तक कारगर रहेंगी। (IANS)

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