मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में जिला प्रशासन ने अदालत के आदेश पर गोवर्धन के प्रमुख दानघाटी मंदिर के खजाने को सील कर कम्प्यूटर कक्ष को बंद करा दिया है। जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर की है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमर सिंह ने शुक्रवार को मंदिर के प्रबंधक रहे डालचंद चौधरी की याचिका पर मंदिर कोषागार को सील करने का आदेश दिया।
याचिका में डालचंद चौधरी का कहना था कि संबंधित कक्ष (कोषागार) में 1.5 से 2 करोड़ रुपए की धनराशि (खुले पैसे) तथा उपहार मौजूद हैं जिनकी सुरक्षा के लिए उक्त कक्ष को सील किया जाना आवश्यक है। न्यायालय ने इसमें संबंधित पक्ष जानने के बाद सील करने के आदेश दिए थे।
इस पर शनिवार को अमल करते हुए गोवर्धन के उप जिलाधिकारी नागेंद्र सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस कैलाशचंद्र पाण्डेय ने मंदिर परिसर में स्थित कम्प्यूटर कक्ष और कोषागार को सील कर दिया। यहां पूर्व से लगे तालों पर भी सील लगाई गई है।
कोर्ट के आदेश पर सील की कार्रवाई के बाद कोषागार और कंप्यूटर कक्ष पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। यहां दो आरक्षी भी लगाए हैं, जो सुरक्षा का दायित्व निभाएंगे। हालांकि मंदिर परिसर में पूर्व से ही सीसीटीवी लगे हुए हैं।
गौरतलब है कि गिरिराज सेवक समिति के मंत्री रमाकांत कौशिक ने आरोप लगाया था कि दानघाटी मंदिर के प्रबंधक डालचंद चौधरी ने मंदिर के चढ़ावे की संपूर्ण राशि बैंक खाते में जमा नहीं की है। पूर्ण हिसाब न मिलने पर कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने डालचंद चौधरी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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