ताजमहल को प्रेम का प्रतीक और भारत की शान माना जाता है। उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा जिला आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद अहम है। इतिहासकारों के मुताबिक इसका पहला उल्लेख महाभारत काल में अग्रवन के रूप में होता है। बाद में इसकी पहचान आर्यगृह के नाम से भी हुआ।
1630 में शुरू हुआ ताजमहल का निर्माण
1504 ई. में इब्राहिम लोदी ने इस शहर को फिर से बसाया । 1630 ई. में शाहजहां ने बेगम मुमताज की याद में ताज महल का निर्माण शुरू कराया। 22 साल में ताजमहल के निर्माण का काम पूरा हुआ। इसमें करीब 20 हजार मजदूर लगाए गए थे। ताजमहल अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
दुनिया की तीसरी सबसे खूबसूरत जगह
आगरा को 2017 की दुनिया की तीसरी सबसे खूबसूरत जगह माना गया है। एक अमेरिकी अखबार की ओर से 2017 में घूमने लायक दुनिया की 52 जगहों की लिस्ट प्रकाशित की गई है। इस लिस्ट में आगरा को तीसरे नंबर पर रखा गया है।
दुनिया के सात नए अजूबों में शामिल
साल 2000 से 2007 के बीच स्विटज़रलैंड के न्यू सेवन वंडर्स फाउंडेशन द्वारा दुनिया के 200 ऐतिहासिक इमारतों को लेकर सर्वे कराया गया। इसमें दुनियाभर के करीब 10 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया, सर्वे के नतीजों के आधार पर साल 2007 में ताजमहल को दुनिया के सात नए अजूबों में शामिल किया गया।
नूरजहां के पिता की याद में बने मकबरे की नकल
यमुना नदी के किनारे 1625 में नूरजहां ने अपने पिता की याद में एक मकबरा बनावाया था जो कि पूरी तरह मार्बल का था। माना जाता है कि ताजमहल इसी मकबरे की नकल है। इसमें कई चीजें ऐसी हैं जो ताज महल में भी हैं इसलिए इसे बेबी ताज भी कहा जाता है और ये ताज महल से 5 साल पहले बना था। बताया जाता है कि इस मकबरे को देखकर ही ताज महल बनवाया गया था। यहां की नक्काशी ताज महल से भी खूबसूरत है।
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