लखनऊ: देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में फैसला किया गया कि सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद की पत्नी एवं आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से अब 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि पहले यह राशि 25 लाख रुपए थी। इस फैसले का पूरी कैबिनेट ने स्वागत किया।
सिंह ने बताया कि केन्द्रीय एवं प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों तथा भारतीय सेना के (तीनों अंगों-थल, जल एवं वायु) के शहीद के परिवार को दी जा रही 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये किये जाने का निर्णय लिया है। यह प्रावधान उत्तर प्रदेश के मूल निवासी या जिनका परिवार उत्तर प्रदेश में निवास कर रहा हो, उन पर लागू होगा। उन्होंने बताया कि इस निर्णय के अन्तर्गत यदि शहीद विवाहित हैं तथा उनके माता-पिता में से एक या दोनों जीवित हैं, तो शहीद की पत्नी एवं बच्चों को 35 लाख रुपये तथा माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को 15 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
सिंह ने बताया कि शहीद के विवाहित होने तथा माता-पिता में से किसी एक के भी जीवित नहीं होने की स्थिति में शहीद की पत्नी को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। शहीद के अविवाहित होने की स्थिति में उनके माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि धनराशि वितरण की निर्धारित सीमा में विशेष परिस्थिति में आवश्यकतानुसार छूट दी जा सकती है किन्तु निर्धारित सीमा में किसी प्रकार की छूट से पूर्व गृह विभाग से उच्चादेश प्राप्त करना आवश्यक होगा। मंत्री ने बताया कि यह निर्णय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा। इस फैसले से अर्द्ध सैन्यबलों एवं सेना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मनोबल पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा तथा शहीद के परिवार को सम्बल प्राप्त होगा।
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