नोएडा: योग गुरु स्वामी रामदेव के फूडपार्क का विवाद सुलझ गया है। पतंजलि फूडपार्क अब ग्रेडर नोएडा में ही बनेगा यह कहीं अन्यत्र शिफ्ट नहीं होगा। ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क को लेकर योगी सरकार ने पतंजलि की सभी शर्ते मान ली हैं। योगी सरकार पतंजलि के मुताबिक प्रस्ताव में संशोधन को तैयार हो गई है। कैबिनेट की बैठक में संशोधन प्रस्ताव जल्द पेश होगा। मुख्य सचिव की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने कहा कि अभी कोई MoU कैंसिल नहीं हुआ है, जो शंका थी उसका समाधान होगा। आपको बता दें कि पंतजिल के इस प्रोजेक्ट में सरकार की तरफ से क्लियरेंस मिलने और जमीन मुहैया कराने में हो रही देरी से नाराज होकर कल स्वामी बालकृष्ण ने इस प्रोजेक्ट को कहीं और शिफ्ट करने की बात कही थी। पतंजलि की तरफ से आए इस रिस्पांस को यूपी सरकार ने गंभीरता से लिया और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें दखल देते हुए सभी दिक्कतों को दूर करने का आदेश दिया।
आपको बता दें कि अखिलेश सरकार के दौरान फूड पार्क बनाने का फैसला लिया गया था और 30 नवंबर, 2016 को लखनऊ से इस फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और स्वामी रामदेव ने फूड पार्क का शिलान्यास किया था। इस फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में 425 एकड़ ज़मीन पर 6 हज़ार करोड़ की लागत से तैयार किया जाना है। अभी तक साइट ऑफिस और फूड पार्क की बाउंड्री तैयार की जा चुकी है। फूड पार्क के लिए मशीन का ऑर्डर दिया गया है, कई मशीनें आ चुकी हैं। पतंजलि फूड पार्क से क़रीब 8000 लोगों को रोज़गार का दावा किया गया है।
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