लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के जाटों को लेकर की गई एक टिप्पणी विवादों के घेरे में है। उसे लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इसे लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि जाटों को अपमानित और प्रताड़ित करना समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं की फितरत है। राणा ने कहा कि टीवी चैनल पर यह बयान देना कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाट समाज के लोगों ने मौलाना के पैर पकड़कर माफी मांगी, पूरे जाट समाज का न सिर्फ घोर अपमान है, बल्कि एक सोची समझी साजिश के तहत जाट समुदाय को नीचा दिखाने की कोशिश है।
‘सपा कभी जाटों के साथ खड़ी नहीं रही है’
राणा ने कहा कि जाट हमेशा अपने साहस, परिश्रम और स्वाभिमान के लिए जाना जाता है। अपमान करने वालों को जाट समुदाय कभी नहीं भूलता। समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी लगातार जाटों को बांट कर उन्हें कमजोर और अपमानित करने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन जाट समुदाय इसका जवाब उन्हें जरूर देगा। सुरेश राणा ने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी जाटों के साथ खड़ी नहीं रही है। मुजफ्फरनगर दंगा इसका उदाहरण है। दंगा के दौरान घर जाते निहत्थे लोगों पर हमले किए गए। सपा सरकार के इशारे पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का काम किया गया। इस अपमान व वहशीपन की घटना को जाट समुदाय अब तक भूल नहीं पाया है।
‘जाट समुदाय के जख्म अभी भरे नहीं हैं’
योगी के मंत्री ने कहा कि जाट समुदाय के जख्म अभी भी भरे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दंगों में पहले निदोर्षों को जेल भेजा गया और अब समाजवादी पार्टी अपने वर्ग विशेष के नेताओं के जरिये जाट समुदाय पर जुबानी हमले करवा रही है। राणा ने कहा, ‘अबू आजमी जैसे देश विरोधी जाटों के संस्कार को माफी का नाम देकर उनको गुनाहगार साबित कर रहे हैं, जबकि मुजफ्फरनगर दंगे में जाट समुदाय को सबसे अधिक नुकसान हुआ। दंगे में दर्जनों हिन्दुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।’
‘जाटों ने मौलाना के पैर छूकर माफी मांगी’
ज्ञात हो कि सपा नेता अबू आजमी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, 'मुजफ्फरनगर के दंगों के वक्त वेस्ट यूपी के लोग हमारे (समाजवादी पार्टी) साथ नहीं आए और भाजपा के साथ गए। बाद में जाट समाज के लोगों ने स्टेज पर एक मौलाना का पैर छूकर माफी मांगी और कहा कि हमसे गलती हो गई।' इस टिप्पणी पर जाट समाज और भाजपा के लोगों ने समाजवादी पार्टी की आलोचना की है। (IANS)
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