नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने रविवार से शुरू हो रही उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों की मतगणना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मतगणना के दौरान या मतों की गिनती के बाद किसी प्रकार की विजय रैलियों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये इजाजत 829 मतगणना केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए जाने का राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद दी।
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को संबंधित याचिकाओं पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई पूरी होने तक मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मतदान केंद्रों पर प्रवेश से पहले अधिकारियों, प्रत्याशियों और एजेंटों को ‘नेगेटिव’ कोविड-19 रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि समूचे राज्य में मतगणना के दौरान सख्त कर्फ्यू रहेगा और यह मंगलवार सुबह तक लागू रहेगा और कोई भी विजय जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। न्यायालय ने सरकारी अधिकारियों, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को आदेश दिया कि मतगणना केंद्र में प्रवेश से पहले उन्हें आरटी-पीसीआर जांच में कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण दिखाना होगा। शीर्ष अदालत का यह आदेश देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर रविवार को होने वाली मतगणना के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किये जाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
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