मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कोविड पीड़ित का शव उसकी मौत के बाद 75 दिनों तक अस्पताल के शवगृह (mortuary) रखा रहा क्योंकि मृतक की पत्नी 15 हजार रुपये नहीं दे सकी। ये मामला मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का है। कोविड पीड़ित नरेश (29 वर्ष) की मौत 15 अप्रैल को हुई थी।
मृतक नरेश की पत्नी गुड़िया उसकी डेडबॉडी लेने के लिए बस्ती से आई थी लेकिन उससे कथित तौर पर रुपये 15 हजार जमा करने के लिए कहा गया। गुड़िया ने मीडिया को बताया, "डॉक्टरों ने 15,000 रुपये मांगे लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा कि वे शरीर का अंतिम संस्कार करेंगे।" हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने गुड़िया के आरोपों को नाकार दिया है।
अस्पताल में शवों के निस्तारण के मामले देखने वाले डॉ विदित दीक्षित ने कहा, "मरीज के साथ उसका भाई विजय भी था। जब 15 अप्रैल को मरीज की मौत हुई, तो हमने उस नंबर पर कॉल किया जो विजय ने हमें दिया था। वह नंबर बंद था। पैसे की मांग का आरोप झूठा है। हमारे पास यहां पर्याप्त जगह नहीं थी, जब शव को लेने के लिए कोई नहीं आया तो हमने शव को हापुड़ भेज दिया।"
मेरठ के जिलाधिकारी के.बालाजी ने कहा कि उन्होंने आरोपों की जांच के लिए एक जांच टीम गठन किया है। हापुड़ में प्राइमरी हेल्थ सेंटर के हेड डॉक्टर दिनेश खत्री ने कहा कि वो तब से ही मृतक की फैमली को ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हापुड़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया गया कि किसी ने भी शव पर दावा नहीं किया है। इसे यहां लाकर जीएस कॉलेज की मोर्चरी में रख दिया गया। उसके बाद, हमने परिवार का पता लगाने की कोशिश की। बाद में, हमने पुलिस से मदद मांगी और जो फोन नंबर दिया गया था उसे surveillance में रखा गया।"
आखिरकार गुड़िया का पता लगाया जा सका और उसे हापुड़ बुलाया गया, जहां दो दिन पहले उसकी मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। हापुड़ के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने पुष्टि की है कि गुड़िया अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए हापुड़ आई थी। (IANS)
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