Kanpur Encounter: चौबेपुर थाने के दरोगा को किया गया बर्खास्त, अपने ही 8 साथियों को मरवाने का है आरोप
सर्विलांस टीम लगभग 500 मोबाइल फोन की छानबीन कर रही है और उससे विकास दुबे के बारे में सुराग लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा उप्र एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर जिले के चौबेपुर पुलिस थाने के दरोगा (स्टेशन ऑफिसर) विनय तिवारी को सेवा से तत्काल बर्खास्त कर दिया है। उन पर आरोप है कि गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम की जानकारी उन्होंने अपराधियों को दी, जिससे मुठभेड़ में 8 पुलिस कर्मचारियों की मौत हो गई। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि चौबेपुर थाना के दरोगा पर लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें बर्खास्त किया गया है और सभी आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है।
अग्रवाल ने कहा कि यदि उनकी संलिप्तता पाई जाती है या अन्य कोई पुलिस कर्मी द्वारा अपराधियों की मदद करने का पता चलता है तो उन्हें विभाग से बर्खास्त किया जाएगा और जेल भेजा जाएगा। हालांकि उन्होंने चौबेपुर के दरोगा विनय तिवारी पर लगे आरोपों का खुलासा नहीं किया।
विकास दुबे की तलाश में दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी
कुख्यात अपराधी विकास को पकड़ने के लिए पुलिस की 25 से अधिक टीम उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में लगातार छापेमारी कर रही हैं लेकिन घटना के करीब 36 घंटे बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया।
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 25 टीमें लगाई गई हैं, जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कुछ दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सर्विलांस टीम लगभग 500 मोबाइल फोन की छानबीन कर रही है और उससे विकास दुबे के बारे में सुराग लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा उप्र एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं। आईजी ने विकास दुबे के बारे में सही जानकारी देने वाले को पचास हजार रुपए का इनाम भी देने की घोषणा की है और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखने की बात कही है।
शहीद पुलिसकर्मियों का हुआ अंतिम संस्कार
कानपुर के विकास दुबे मुठभेड़ कांड में शहीद हुए झांसी के सिपाही सुल्तान सिंह का पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह निवास ग्राम बूड़ा भोजला में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीदों के परिजनों को शासन द्वारा घोषित एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी अविलंब दी जाएगी। साथ ही उनके परिजनों को हरसंभव मदद दी जाएगी।
कानपुर में पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार मिश्रा का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर शहर के भैरोघाट पर किया गया। मुठभेड़ में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष, शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (34), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं ।
गौरतलब है कि गुरुवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी कुख्याती अपराधी विकास दुबे को पकड़ने उसके गांव पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक असैन्य नागरिक घायल भी हुआ।