झांसी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए कहा कि एक समय भारत की गिनती दुनिया में सबसे अधिक रक्षा उपकरण खरीदने वाले देशों में होती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज भारत 65 फीसदी स्वदेशी रक्षा उपकरणों का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया, 'हम बहुत जल्द ही रक्षा से जुड़े 90 फीसदी सामान अपने देश में ही बनाना शुरू कर देंगे।'
झांसी में बुधवार से शुरू हुए ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के तीसरे दिन समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को कहा, ‘महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री ने जो शुरुआत की थी, उसका असर यह हुआ है कि आज सेना में महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। सैनिक स्कूलों में भी छात्राओं का प्रवेश इस बार से शुरू किया गया है।’ उन्होंने कहा कि आज गुरु नानक देव की जयंती है जिन्होंने महिला-पुरुष के बीच भेदभाव मिटाने की भी सीख दी थी। यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आज ही रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेकर ही हमारी सरकार विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ सेना में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ा रही है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के क्रम में प्रदेश में डीआरडीओ की दो यूनिट के अलावा तीसरी यूनिट भी प्रस्तावित है। देश के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए कहा कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने देश ही नहीं विदेशों में भी झांसी की पहचान कराई है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक रूप से पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए 3,425 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड पर 400 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला भी रखी।
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