आज जो हमदर्द बन रहे हैं, वही किसानों की बर्बादी की वजह भी थे: सिद्धार्थ नाथ सिंह
उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने और अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए किसानों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने और अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए किसानों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। शनिवार को जारी एक बयान में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं प्रवक्ता सिंह ने कहा, ‘‘आज जो किसानों का हमदर्द बन रहे हैं, वही आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक उनकी (किसानों) बर्बादी की वजह भी थे।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सत्ता संभाली तब किसानों के हितों को प्राथमिकता दी गई।’’
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया और किसानों के हित में कई दशकों से लंबित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि आज किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिल रहा है जबकि बीजों और उर्वरकों की खरीद भी उनके लिए बहुत आसान हो गई है। उन्होंने केंद्रीय आम बजट की भी सराहना की।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत: CM योगी
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में कृषि की लागत कम करते हुए उत्पादन में बढ़ोत्तरी तथा कृषि विविधीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है, इससे किसानों की आय तेजी से बढे़गी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद झांसी की एक छात्रा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि गत माह वहां स्ट्रॉबेरी महोत्सव आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया सन्देश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड में स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती के लिए झांसी की इस छात्रा गुरलीन चावला के प्रयासों की सराहना की थी। यहां बातें उन्होंने लखनऊ में राज भवन में तीन दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 का शुभारम्भ किया।
एक अन्य किसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उसने डेढ़ एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई, जिसमें उसकी लागत छह लाख रुपये आयी, जबकि फसल 40 लाख रुपये में बिकी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार विविधीकरण के माध्यम से उस किसान को 34 लाख रुपसे की आय हुई। उन्होंने कहा कि किसान इस प्रकार के नए प्रयोगों और कृषि विविधीकरण से अपनी आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
उन्होंने ड्रैगन फ्रूट और ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ब्लैक राइस उगाने वाले किसानों को उनकी उपज का मूल्य 700 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जैविक खेती में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। इसे बढ़ावा देना वर्तमान समय की मांग है। जैविक खेती अपनाने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा किया जा सकता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। किसानों को डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जा रहा है।’’
(इनपुट- भाषा)