A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने अखिलेश से पूछा- बंगले की जिस दीवार को तोड़ा गया, उसके पीछे क्या छिपाया था?

योगी सरकार ने अखिलेश से पूछा- बंगले की जिस दीवार को तोड़ा गया, उसके पीछे क्या छिपाया था?

अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई सामने आ रही है तो 'खिसियान बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है...

<p>akhilesh yadav</p>- India TV Hindi akhilesh yadav

लखनऊ: सरकारी बंगले को खाली करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई सामने आ रही है तो 'खिसियान बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव को खुद आयकर ​विभाग को यह बताना चाहिए कि बंगले में लगाने के लिए पैसा उनके पास कहां से आया। इसके अलावा उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि ‘‘जिस दीवार को तोड़ा गया, उसके पीछे क्या छिपाया गया था, इसकी जानकारी भी दें।’’

सिंह ने आज अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद आननफानन में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में कहा, ''अखिलेश कह रहे हैं कि उन्होंने बंगले में निर्माण कार्य अपने खुद के पैसे से करवाये हैं। अब आयकर विभाग को चाहिए कि वह इस मामले की जांच करे कि जो पैसे मकान में लगाए जाने की बात वह कर रहे हैं उसका कोई हिसाब किताब भी है या नहीं।'' उन्होंने कहा कि अखिलेश ने आज जिन शब्दों का चयन किया, वह उन्हें शोभा नहीं देता। हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक मुहावरा कहूंगा ''खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे''।’’

राज्यपाल राम नाइक के एक पत्र को लेकर अखिलेश की आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति हैं, हम सबको उनका सम्मान करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि अब जो राज्यपाल ने पूछा है उसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अखिलेश जिस घर में रह रहे थे वह कोई निजी घर नहीं है वह राज्य सम्पत्ति का है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के मकान खाली करने के जो आदेश आये थे वह सरकार के नहीं बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेश थे।

सिंह ने यह भी कहा कि आज संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश का जो हाव-भाव था, वह उसी तरह था जब ‘चोर की दाढ़ी में तिनका होता है’ तो वह बौखलाकर कुछ न कुछ बोल जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया कि अखिलेश ने आरोप लगाया कि एक आईएएस अधिकारी बंगला खाली करने के बाद वहां गए थे तो मैं यह साफ कर दूं कि कोई अधिकारी नहीं गया था बल्कि यह बंगला राज्य संपत्ति विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारी कर्मचारी जरूर गए थे।

सिंह ने कहा कि राज्यपाल के पत्र के बाद संपत्ति विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। इस मामले में अलग से कोई समिति बनाने की जरूरत नहीं है।

Latest Uttar Pradesh News