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शबनम की फांसी एक बार फिर टली, इस कारण नहीं हो पाई मृत्युदंड की तारीख मुकर्रर

अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है। जनपद न्यायालय ने अभियोजन से शबनम के अधिवक्ता की ओर से डाली गई राज्यपाल को दया याचिका का ब्यौरा मांगा था।

Shabnam's hanging postponed yet again, date of death sentence could not be fixed due to mercy petiti- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है।

अमरोहा: अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है। जनपद न्यायालय ने अभियोजन से शबनम के अधिवक्ता की ओर से डाली गई राज्यपाल को दया याचिका का ब्यौरा मांगा था। बता दें कि शबनम ने राज्यपाल के यहां  पुनः दयायाचिका डाली है। राज्यपाल के यहां से दयायाचिका महामहिम राष्ट्रपति को जाएगी। बताया गया कि दया याचिका डालने के कारण फांसी की तारीख मुकर्रर नहीं हो पाई।

ये मामला शबनम और सलीम की प्रेम कहानी का है। शबनम के परिवार को इन दोनों का ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था। विरोध में शबनम ने मौका देखकर और सलीम के साथ प्लानिंग कर 7 लोगों की हत्याओं को अंजाम दे दिया।

पहले इन दोनों ने सबके खाने में कुछ मिलाया और उसके बाद एक धारदार कुल्हाड़ी से एक के बाद एक, पूरे परिवार की हत्या कर दी। जिस एक इंसान के साथ शबनम उस रात लगातार कॉल में थी वो दरअसल सलीम ही था। सलीम ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया था और वो कुल्हाड़ी, जिससे क़त्ल किया गया था, वो भी ठीक उसी जगह मिली जहां उसने बताई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों द्वारा दी गई उसकी फांसी की सज़ा को बरकरार रखा। उसके बाद शबनम ने राष्ट्रपति से सज़ा माफ़ी की भी गुहार की लेकिन घटना की वीभत्‍सता को देखते हुए, वहां से भी न तो शबनम की सज़ा माफ़ हुई न कम हुई। 

सलीम को भी वही सज़ा मिली जो शबनम को। उसकी भी माफ़ी याचना तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा अस्वीकार कर दी गई। उसकी भी रिव्यू पिटिशन पर आज सुनवाई हुई जिसे खारिज कर दिया है। शबनम फांसी की सज़ा पाने वाली आज़ाद भारत की पहली महिला होगी।

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