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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ट्रेन से टकराई स्कूल वैन, 13 बच्चों की मौत

बताया जा रहा है कि ये हादसा स्कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है। स्कूल वैन के ड्राइवर ने कान में ईयरफोन लगा रखा था। बच्चे ट्रेन देखकर चिल्ला रहे थे लेकिन ड्राइवर ने नहीं सुना। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रेलवे क्रॉसिंग पर कोई भी तैनात नहीं था।

School bus collides with train in Kushinagar, 11 students dead- India TV Hindi उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ट्रेन से टकराई स्कूल वैन, 13 बच्चों की मौत  

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में पैसेंजर ट्रेन और स्कूल वैन के बीच टक्कर में तेरह मासूम बच्चों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने कहा कि इस हादसे की यूपी सरकार जांच करेगी और कार्रवाई करेगी। बता दें आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे की जगह पर जा रहे हैं। आज सुबह सवा सात बजे के करीब डिवाइन पब्लिक स्कूल की वैन बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी तभी विशुनपुरा थाने के दुदही रेलवे क्रासिंग के पास सिवान गोरखपुर पैसेंजर से उसकी टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि ये हादसा स्कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है।

स्कूल वैन के ड्राइवर ने कान में ईयरफोन लगा रखा था। बच्चे ट्रेन देखकर चिल्ला रहे थे लेकिन ड्राइवर ने नहीं सुना। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रेलवे क्रॉसिंग पर कोई भी तैनात नहीं था। रेलवे की तरफ से एक कर्मचारी जिसे गेट मित्र कहा जाता है वो इस मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन आने के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहा था। सुबह उसने भी स्कूल वैन को रोकने की कोशिश की लेकिन ईयरफोन लगाने की वजह से ड्राइवर ने नहीं सुना और वो स्कूल वैन लेकर क्रॉसिंग के पास चला गया।

इस बड़े हादसे के बाद आनन-फानन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ितों का हाल जानने घटनास्थल पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश देते हुए मृतक बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, "इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देगी।"

जिन बच्चों की मौत हुई है उनकी उम्र आठ से बारह साल के उम्र के बीच है। वैन में करीब बीस बच्चे बैठे थे। टक्कर के बाद तेरह बच्चों की मौके पर मौत हुई जबकि सात बच्चे बुरी तरह से घायल हैं जिनको फौरन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फिर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। इस मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग में पहले भी हादसे हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार फाटक लगाने की मांग की जा चुकी है बावजूद इसके यहां पर कोई गेट नहीं लगाया गया।

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