नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को हुई मुजफ्फरनगर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में कई लोग गिरफ्तार किए गए थे। ऐसा बताया जा गया है कि इस हिंसा में मदरसों के बच्चे शामिल है। केंद्रीय मंत्री, संजीव बालियान ने शुक्रवार को कहा कि मुझे बताया गया है कि 12-18 साल उम्र के बच्चों ने हिंसा में भाग लिया। अगर बच्चे पथराव में शामिल हैं, तो यह अच्छा नहीं है। मदरसों से बच्चों को किसने भेजा, इसकी जांच होनी चाहिए।
इससे पहले एसपी सिटी, सतपाल आंतिल ने हिंसा पर बताया था कि मुजफ्फरनगर बवाल के संबंध में 48 लोग गिरफ्तार हुए थे। इनमें थाना सिविल लाइंस में कुल 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें 20 लोग मुजफ्फरनगर जनपद और 12 आरोपी गैर जनपद के शामिल थे। इसके अलावा कोतवाली पुलिस ने भी 16 लोगों को गिरफ्तार किया था।
हिंसा पर एसओ सिविल लाइंस समयपाल अत्री ने बताया था कि जो 12 आरोपी गैर जनपद के गिरफ्तार हुए हैं, उन्हें बवाल के समय अलग-अलग स्थानों पर मौके से रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के समय उक्त सभी के हाथों में ईंट के टुकड़े, पत्थर या फिर डंडे भी बरामद किए गए थे। पुलिस ने बताया था कि गैर जनपद के सभी आरोपियों की उम्र 18 से 22 साल के बीच है, जो जनपद में ही किसी न किसी मदरसे में रह रहे थे और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा पहुंचे थे। इन सभी आरोपियों को अन्य के साथ ही जेल भेज दिया गया था।
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