समाजवादी पार्टी ने विधानपरिषद के लिए राजेंद्र चौधरी और अहमद हसन को बनाया उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए समाजवादी पार्टी ने राजेंद्र चौधरी और अहमद हसन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए समाजवादी पार्टी ने राजेंद्र चौधरी और अहमद हसन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से इस संबंध में एक चिट्ठी जारी की गई। इस चिट्ठी में विधान परिषद के लिए राजेंद् चौधरी और अहमद हसन को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में मौजूदा समय में 402 सदस्य हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी के 310, समाजवादी पार्टी के 49, बहुजन समाज पार्टी के 18, अपना दल (सोनेलाल) के नौ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, राष्ट्रीय लोकदल के एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के एक सदस्य हैं।भाजपा के साथ अपना दल (सोनेलाल) का गठबंधन है।
11 जनवरी से 18 जनवरी तक नामांकन दाखिल होगा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार 11 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरू हुई प्रक्रिया 18 जनवरी तक चलेगी और 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 जनवरी को नाम वापसी और 28 जनवरी को मतदान होगा। 28 जनवरी की शाम से ही मतगणना की भी प्रक्रिया शुरू होगी। विधान परिषद की जिन 12 सीटों पर चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई है उसके मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें विधान परिषद के सभापति रमेश यादव (समाजवादी पार्टी), उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा (भाजपा) और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह प्रमुख हैं।
युवा शक्ति भाजपा सरकार की नीतियों से आक्रोशित : अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में युवा शक्ति भाजपा सरकार की नीतियों से काफी आक्रोशित है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि, युवा घेरा कार्यक्रम की अपार सफलता ने दिखा दिया है कि प्रदेश में युवा शक्ति भाजपा सरकार की नीतियों से कितनी आक्रोशित है। प्रदेश का युवा सत्ता के बदलाव के लिए एकजुट हो चुका है।
ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी सरकार की नीतियों के खिलाफ राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में समाजवादी युवा घेरा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें युवाओं के लिए घटते रोजगार के अवसर, बढ़ती बेरोजगारी, महंगी शिक्षा, छात्र संघों के चुनावों पर रोक, ऑनलाइन शिक्षा की दिक्कतें, छात्रों पर फर्जी आपराधिक मुकदमों के साथ बदहाल कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है।
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