लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जल्द ही नया सियासी बदलाव देखने मिल सकता है। इस साल समाजवादी पार्टी भी आंबेडकर जयंती बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी कर रही है। अब तक पार्टी डॉ लोहिया की जयंती को व्यापक स्तर पर मनाती थी। जबकि डॉ आंबेडकर के जन्मदिन पर बीएसपी पूरे प्रदेश में बड़े कार्यक्रम आयोजित करती रही है। हाल ही में बसपा के साथ हाथ मिलाने के बाद अखिलेश यादव ने पार्टी जिला मुख्यालयों पर चिट्ठी लिखकर आने वाली 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती बड़े स्तर पर मनाने की बात कही है।
हालांकि इन कार्यक्रमों में बसपा के नेताओं को भी आमंत्रण दिया जाएगा इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। इससे पहले मायावती और अखिलेश दोनों बीजेपी के खिलाफ साथ आने के बीत कह चुके हैं। तो वहीं भारत बंद के बाद हुई हिंसा में देश भर के अलग अलग शहरों में पुलिस छापेमारी कर रही है और गिरफ्तारियों का दौर जारी है।
इधर मंगलवार को सरकार के रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने एससी-एसटी एक्ट के किसी भी प्रावधान को कमजोर नहीं किया है। लेकिन, इस एक्ट का इस्तेमाल बेगुनाहों को डराने के लिए नहीं किया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर 10 दिन में सुनवाई की जाएगी। अभी इस मामले पर हो रही राजनीति को देखते हुए जल्द ही इस विवाद के थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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