उत्तर प्रदेश: सांप के काटने से मृत्यु हुई तो परिजन को सरकार देगी 4 लाख
सांप के काटने से होने वाली मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने इस तरह के मामलों को राजकीय आपदा घोषित कर दिया है।
लखनऊ। सांप के काटने से होने वाली मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने इस तरह के मामलों को राजकीय आपदा घोषित कर दिया है। यानि उत्तर प्रदेश में अब अगर सांप के काटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके नजदीकी परिवारजनों को 4 लाख रुपए का मुआवजा सरकार की तरफ से दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सर्पदंश से हुई मृत्यु में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता प्रदान किए जाने के संबंध में एक पत्र जारी किया है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित करते हुए सर्पदंश से मृत्यु होने की दशा में प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपए की अहेतुक सहायता राशि दी जाएगी।
पत्र में ये भी कहा गया है कि शासन के संज्ञान में आया है कि सर्पदंश से मृत्यु को प्रमाणित करने के लिए मृतक की विसरा जांच हेतु फारेंसिक लैब भेजी जाती है और मृतक की विसरा जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता समय से उपलब्ध नहीं करायी जाती है। फारेंसिक स्टेट लीगल सेल के अनुसार सर्पदंश के प्रकरणों में विसरा रिपोर्ट को प्रिजर्व करने का कोई औचित्य नहीं है तथा उनके द्वारा अगत कराया गया है कि विसरा जांच रिपोर्ट से सर्पदंश से मृत्यु प्रमाणित भी नहीं होता है।
स्टेट मेडिको लीगल सेल के परामर्श के क्रम में सर्पदंश से मृत्यु की दशा में विसरा जांच रिपोर्ट की कोई प्रासंगिकता न होने के कारण सम्यक विचारोपरान्त सर्पदंश से मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए निम्न वर्णित प्रक्रिया का पालन किया जाए।
- मृतक का पंचनामा कराया जाए।
- मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाए।
- पोस्टमार्टम के बाद मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है।
- सर्पदंश से मृत्यु की दशा में मृतक के आश्रितों को अधिकतम 7 दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध करायी जाए।
पत्र में ये भी कहा गया है कि सर्पदंश से मृत्यु के प्रकरणों में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करते हुए मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने संबंधी प्रकरणों को 7 दिन के अंदर निस्तारित करने का कष्ट करें।