प्रियंका की 'गिरफ्तारी' के विरोध में रॉबर्ट वाड्रा बोले- यह कानून की धज्जियां उड़ाने जैसा है
सोनभद्र गोलीकांड को लेकर सियासी सरगर्मियों में शुक्रवार को आई तेजी के बीच अब उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पत्नी की गिरफ्तारी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में विरोध दर्ज कराया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से रोक दिया गया जहां इस हफ्ते 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पर वह सड़क पर ही पाल्थी मारकर बैठ गईं और जोर देने लगीं कि उन्हें आगे जाने की इजाजत दी जाए। इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें एक अतिथि गृह ले जाया गया।
सोनभद्र गोलीकांड को लेकर सियासी सरगर्मियों में शुक्रवार को आई तेजी के बीच अब उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पत्नी की गिरफ्तारी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में विरोध दर्ज कराया है। वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट और ट्वीट कर लिखा है, ''जिस तरह से मेरी पत्नी व कांग्रेस नेता प्रियंका जी का गिरफ्तार किया जाना जो कि बिना किसी कारण है और गिरफ्तारी के लिए ना ही कोई दस्तावेज पेश किया जाना यह कानून की धज्जियां उड़ाने जैसा है। क्या मृतकों के परिवारजनों से मिलना गैर कानूनी है? क्या सरकार उस हर आवाज को दबा देना चाहती है जो सच को उजागर करती है? यह सरासर लोकतंत्र की हत्या जैसा है, उत्तर प्रदेश सरकार को यह चाहिए कि वे तुरंत उन्हें रिहा करें और लोकतंत्र को लोकतंत्र ही रहने दें तानाशाही ना बनाएं।''
बता दें कि प्रियंका गत बुधवार को सोनभद्र गोलीकांड में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए वाराणसी के एक अस्पताल पहुंची थी। जब उन्होंने सोनभद्र जाने की कोशिश की तो प्रशासन ने उन्हें अदलहाट क्षेत्र में रोक लिया। इसके विरोध में प्रियंका अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गई और खुद को रोके जाने के लिखित आदेश दिखाने की मांग की। प्रियंका ने इस दौरान कहा कि वह सोनभद्र में हुई वारदात में मारे गए लोगों के परिवार के लोगों से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रही थीं लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें जाने से रोकने का लिखित आदेश उन्हें दिखाया जाए।
प्रियंका ने धरने के दौरान कहा कि उन्होंने प्रशासन से कहा था कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ 4 लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हैं, मगर इसके बावजूद ना जाने क्यों उन्हें रोक लिया गया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सोनभद्र में जिन लोगों पर गोलियां बरसाई गईं, उनका क्या कुसूर था। उन्होंने अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी बस, अपनी जमीन जो पुश्तों से वे जोत रहे थे, उसको हड़पा जा रहा है।