राकेश टिकैत का ऐलान-जारी रहेगा किसान आंदोलन, सरेंडर के सवाल पर दिया यह जवाब
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के उपद्रव के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से इंकार कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के उपद्रव के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से इंकार कर दिया है। साथ ही टिकैत ने कहा है कि जो किसान धरनास्थल से चले गए हैं वे वापस भी आएंगे। बता दें के इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे। हमारा धरना जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए। राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है।
राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है। उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। कमेटी जांच करे और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे।
बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया था जो 21 जनवरी का बताया गया। वीडियो में टिकैत किसानों को लाठी-डंडे लाने की बात कर रहे है। लाठी-डंडे लाने की बात करने के बाद टिकैत कह रहे हैं कि समझ जाना। दंगे के बाद पुलिस ने किसान नेताओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को किसानों का धरना खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सूबे के बड़ौत जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के पहले ही बागपत जिले में धरना दे रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। बड़ौत इलाके में किसान बीते 19 दिसंबर से धरने पर बैठे थे। पुलिस ने हालांकि धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है। वहीं, किसानों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां चलाईं, उनके तंबू हटाए और वहां से खदेड़ दिया।
बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इसके लिए बकायदा दिल्ली पुलिस के साथ कई दौर की बातचीत हुई और इसके लिए रूट निर्धारित किए गए थे। लेकिन किसानों ने तय समय से पहले ही ट्रैक्टर रैली निकाली और निर्धारित रूट का पालन नहीं करते हुए आईटीओ और लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने हुड़दंगियों को रोकने की कोशिश की लेकिन इन लोगों ने कई जगह ट्रैक्टर से बैरिकेड्स को ध्वस्त कर दिया। कई जगह ट्रैक्टर से पुलिसवालों को कुचलने की भी कोशिश की गई। उपद्रवियों की हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
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