NBA अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा-'कोरोना की लहर में भी पत्रकारों ने बहादुरी से हर चुनौती का सामना किया'
कोरोना की लहर के दौरान पूरे देश में पत्रकारों ने सिर्फ रिपोर्टिंग ही नहीं की, लोगों को समझाने का भी काम किया। कोरोना को लेकर वे लोगों में जागरुकता भी फैला रहे थे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की लहर में जान गंवानेवाले पत्रकारों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा। इस अवसर पर एनबीए के अध्यक्ष और इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा भी मौजूद थे। इस अवसर पर रजत शर्मा ने कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी और परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह भावुक क्षण है। जब दर्द इतना ज्यादा हो जाता है कि शब्द कम पड़ जाते हैं। व्यक्त करना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि कोरोना की लहर में लॉकडाउन के समय जब लोग घरों में थे तब पत्रकार सड़कों पर थे। कोरोना को लेकर लोगों में जागरुकता फैला रहे थे। कोरोना की लहर में भी पत्रकारों ने बहादुरी से हर चुनौती का सामना किया।
आग का दरिया है और कूद के जाना है
रजत शर्मा ने कहा कि उस वक्त कोरोना को लेकर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन लोगों तक जानकारी पहुंचाना मुश्किल काम था लेकिन पत्रकार भाई बहनों ने कर्त्वयनिष्ठा से काम किया। अपने परिवारों की चिंता नहीं की बस ऐसी स्थति थी कि आग का दरिया है और कूद के जाना है। पत्रकारों ने उन परिवारों की चिंता की जो कोरोना से ग्रस्त थे।'
पत्रकारों ने सिर्फ रिपोर्टिंग नहीं की लोगों को समझाने का भी काम किया
रजत शर्मा ने पत्रकारों के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा-' कितने ऐसे उदाहरण है जब लोगों के बीच पत्रकार बंधु गए तो गालियां खानी पड़ी.. पत्थर खाने पड़े। पूरे देश में पत्रकारों ने सिर्फ रिपोर्टिंग नहीं की लोगों को समझाने का भी काम किया। जब हाहाकार मचा तब खासतौर से उत्तर प्रदेश का जिक्र करना चाहूंगा कि जिस सख्ती के साथ इसपर काबू पाया वरना हालात बेकाबू हो सकते थे।.. कई बार पत्रकारों को पीपीई किट पहनकर अस्पताल में जाना पड़ा कि अंदर के हालात बाहर आ सकें। ये बहुत खतरनाक स्थिति थी। बाद में ऐसी स्थिति में आई कि पत्रकार बंधु भी संक्रमित हुए लेकिन पत्रकार बंधुओं ने अपना काम नहीं छोड़ा और कई को जान गंवानी पड़ी। जिन पत्रकारों की जान गई उनके प्रति मैं संवेदना जताना चाहता हूं।'
पत्रकारों के वैक्सीनेशन के लिए योगी जी का आभार
उन्होंने कहा-'जिस समय कोरोना की दूसरी लहर आई और एक-एक कर हमारे पत्रकार साथी होम आइसोलेशन में जाने लगे तब एनबीए की मीटिंग में ये फैसला हुआ कि पत्रकार साथियों को जल्द से जल्द से वैक्सीन दिलाई जाई। मैंने कई मुख्यमंत्रियों से बात की। किसी ने कहा आप वैक्सीन दिलवा देंगे तो हम लगवा देंगे। लेकिन एक मुख्यमंत्री ऐसे थे जिनको संडे को फोन किया और ये बताया कि हमारे पत्रकार साथी पब्लिक के बीच जाते हैं, उनका जीवन खतरे में है तो उन्होंने बात भी पूरी नहीं होने दी और कहा कि आप उनकी चिंता मत कीजिए हम उनको वैक्सीन दिलवाएंगे। उन्होंने खुद पहल करके नोएडा में वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगवाया और 10 हजार पत्रकारों और उनके परिवार वालों को फ्री वैक्सीन मिली.. इसके लिए मैं योगी आदित्यनाथ जी का एनबीए और पत्रकारों की तरफ से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।'
दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहायता
रजत शर्मा ने कहा कि इसके बाद एक और समस्या आई जब हमें ये समाचार मिलने लगे कि बहुत सारे पत्रकार अपना काम करते हुए अ्पनी जान गंवा बैठे। उन्होंने कहा-' मेरे मन में विचार आया कि योगी जी को फोन करूं कि क्या हम ऐसे लोगों की मदद करें। लेकिन मेरे फोन करने से पहले ही लखनऊ से फोन आया कि मुख्यमंत्री जी बात करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो ऐसे शोकसंतप्त परिवार हैं उनको 10-10 लाख की मदद करना चाहते हैं। जो मैं सोच रहा था वो उन्होंने पहले ही कर दिया। पूरा पत्रकार समाज इसके लिए आपका ऋणी रहेगा। हम इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।'
संकट टला नहीं, लड़ाई जारी है: रजत शर्मा
रजत शर्मा ने कहा-' 10 लाख की राशि टोकन है भावनाओं का और विश्वास का... ये एक सिलसिला शुरू हुआ है, आगे भी जैसे भी होगा हम मदद करने का प्रयास करते रहेंगे... कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। संकट टला नहीं है। लड़ाई जारी है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हम देश को जगाने का काम करते रहें। लोगों को समझाते रहें कि मास्क लगाना कितना जरूरी है, वैक्सीन लगवाना कितना जरूरी है। हमारे इस काम में योगी आदित्यनाथ की सपोर्ट मिलता रहेगा।'
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