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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'दोबारा आएंगे कृषि कानून, किसानों के गुस्से की वजह से हुई वापसी', राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का बड़ा बयान

'दोबारा आएंगे कृषि कानून, किसानों के गुस्से की वजह से हुई वापसी', राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का बड़ा बयान

कलराज मिश्र ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे थे। कृषि कानून वापस लेने पर अड़े थे। अंत में सरकार ने कानून वापस ले लिया। फिर आगे इस मामले में कानून बनाने की जरुरत पड़ी तो कानून बनाया जाएगा।

kalraj mishra- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO 'दोबारा आएंगे कृषि कानून, लोगों के गुस्से की वजह से हुई वापसी', राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का बड़ा बयान

Highlights

  • कृषि कानून दोबारा भी लाए जा सकते हैं- कलराज मिश्र
  • सिर्फ इसलिए कानून वापस लिए, क्योंकि किसानों में गुस्सा था- कलराज मिश्र

नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी के बाद जोर पकड़ते किसान आंदोलन को लेकर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने बड़ी बात कह दी है। कलराज मिश्रा ने कहा कि कृषि कानून दोबारा भी लाए जा सकते हैं। इस समय पीएम मोदी ने सिर्फ इसलिए कानून वापस लिए, क्योंकि किसानों में गुस्सा था। बाद में यही कानून दोबारा भी लाए जा सकते हैं। कलराज मिश्रा ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी समय अनुकूल नहीं है इसलिए यह बिल दोबारा आ सकता है।

राजस्थान के राज्यपाल ने कहा, 'ये कानून किसानों के हित में बनाए गए थे, लेकिन शासन की तरफ से किसानों को समझाया नहीं जा सका। कृषि कानून वापस लेने के लिए किसानों की तरफ से आंदोलन होता रहा जिससे देश में एक विचित्र स्थिति पैदा हो गई थी जो अब खत्म हो जाएगी। कलराज मिश्र ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे थे। कृषि कानून वापस लेने पर अड़े थे। अंत में सरकार ने कानून वापस ले लिया। फिर आगे इस मामले में कानून बनाने की जरुरत पड़ी तो कानून बनाया जाएगा।

वहीं, आपको बता दें कि कलराज मिश्र से पहले उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने कृषि कानून निरस्त किए जाने पर कहा था कि बिल बनते हैं, बिगड़ते है और फिर वापस आ जाते हैं।

उधर कृषि कानूनों की वापसी के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक की। बैठक में कृषि कानूनों की वापसी को किसान आंदोलन की बड़ी कामयाबी बताया गया। बैठक के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जिस तरह सरकार ने कृषि कानून वापस लिए, उसी तरह सीएए और एनआरसी जैसे नागरिक कानून भी वापस लिए जाने चाहिए।

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