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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन जारी, रेलवे ने किए पुख्ता इंतज़ाम

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन जारी, रेलवे ने किए पुख्ता इंतज़ाम

पहले ट्रैक्टर परेड फिर चक्का जाम और आज रेल रोको आंदोलन। कृषि कानून के ख़िलाफ़ किसान एक बार फिर फुल एक्शन में हैं और इस बार उनके प्रदर्शन का अड्डा है रेलवे ट्रैक।

<p>कृषि कानूनों के...- India TV Hindi Image Source : PTI कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन, रेलवे ने किए पुख्ता इंतज़ाम

लखनऊ: पहले ट्रैक्टर परेड फिर चक्का जाम और आज रेल रोको आंदोलन। कृषि कानून के ख़िलाफ़ किसान एक बार फिर फुल एक्शन में हैं और इस बार उनके प्रदर्शन का अड्डा है रेलवे ट्रैक। 4 घंटे के रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया गया है लेकिन पटना में समय से पहले ही ये आंदोलन शुरू कर दिया गया था। प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर पहुंचे गए, पटरियों पर लेट गए और ट्रेन भी रोक दी। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने सभी को ट्रैक से हटाया। आपको बता दें कि आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसानों का देश में रेल रोको अभियान चलेगा। इस ऐलान के बाद रेलवे सुरक्षा बल की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई है। खास फोकस पंजाब, हरियाणा, यूपी और बंगाल पर है। रेलवे सुरक्षा बल के डीजी ने किसानों से साफ अपील की है कि किसी भी तरह की हिंसा ना हो। लोगों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो और प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण किया जाए।

संयुक्त किसान संघर्ष समिति द्वारा रेल रोकने का आह्वान करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था। वहीं रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) को हाई अलर्ट पर रखा है। वरिष्ठ अधिकारी रेलवे स्टेशनों की जांच कर ऐसी जगहों की पहचान कर रहे हैं, जहां से कुछ गड़बड़ी होने की आशंका है। हालांकि, किसान नेताओं को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने ट्रेनों को रोकने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आगरा में जीआरपी के एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने कहा, "ऐसे लोग जिनके पास कन्फर्म टिकट नहीं है, उन्हें रेलवे स्टेशनों के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही गुरुवार को प्रवेश और निकास के लिए केवल गेट ही चालू रहेगा। इसके अलावा सभी जीआरपी स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है। हमने प्रोविंसियल आर्म्ड कॉस्टेबलरी (पीएसी) को भी तैनात किए जाने की मांग की है। इसके अलावा ट्रेन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्थानीय पुलिस भी मदद करेगी।"

ऐसी भी आशंका है कि प्रदर्शनकारी किसान टिकट लेकर ट्रेनों में चढ़ सकते हैं और फिर स्टेशनों के बाहर ट्रेन रोक सकते हैं। इसे लेकर आरपीएफ के एडिशनल कमांडेंट दिनेश कुमार ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को रेलवे पटरियों पर कब्जा करने से रोकने के लिए हमने विशेष इंतजाम किए हैं। सभी रेलवे स्टेशनों पर फोर्स तैनात की गई है। हम ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित नहीं होने देंगे, जो लोग रुकावट डालने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

उधर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राजेंद्र मलिक ने कहा है, "निर्धारित कार्यक्रम के तहत हम गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चार घंटे के लिए ट्रेनों को रोकेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि रेलवे की संपत्ति और यात्रियों को कोई नुकसान न हो। हम यात्रियों को पीने का पानी और भोजन के पैकेट देंगे। जहां तक बात कानूनी कार्रवाई की है तो हम उससे नहीं डरते हैं और जेल जाने के लिए तैयार रहते हैं।"

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