राहुल गांधी के अमेठी दौरे से पहले छिड़ा पोस्टर वॉर, जानिए पूरा मामला
आज बुधवार को एकदिवसीय दौरे में अमेठी में पहुंच रहे हैं राहुल गांधी लेकिन उससे पहले ही अमेठी में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश के अमेठी की अपनी परंपरागत सीट गंवाने के बाद आज बुधवार को एकदिवसीय दौरे पर राहुल गांधी पहली बार वहां पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहां आज राहुल गांधी जिला कांग्रेस कार्यालय पर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर हार की समीक्षा करेंगे। यह पहली बार है जब स्मृति ईरानी के हाथों हार झेलने के बाद राहुल अमेठी में होंगे। राहुल के दौरे से ठीक पहले अमेठी में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। अमेठी मे जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें संजय गांधी अस्पताल को लेकर राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है।
यहां जगह-जगह चिपकाए गए पोस्टर में लिखा है कि 'न्याय दो न्याय दो, मेरे परिवार को न्याय दो... दोषियों को सजा दो... इस अस्पताल में जिंदगी बचाई नही गंवाई जाती है।' ये पोस्टर अमेठी में चर्चाओं का विषय बन गए हैं। दरअसल, अमेठी लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है और यहां मिली करारी शिकस्त केवल राहुल के लिए नहीं बल्कि पूरी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। आपको बता दें कि अमेठी सीट से बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति इरानी चुनाव जीत गई थीं। राहुल गांधी अमेठी से हार गए पर केरल की वायनाड सीट से जीतकर वह लोकसभा पहुंचने में जरूर कामयाब रहे।
जानिए क्यों लगाए गए हैं पोस्टर?
गौरतलब हो कि बीते 25 अप्रैल को आयुष्मान भारत योजना के कार्ड धारक मुसाफिरखाना के सरैया तालिके दादरा निवासी नन्हेलाल मिश्र को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। 26 अप्रैल को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतक के बेटे रोहित मिश्र ने पिता की मौत पर अस्पताल प्रसाशन व चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। मामले में जिला प्रशासन द्वारा इसकी जांच भी कराई गई थी, जिसमें अस्पताल के तीन चिकित्सक दोषी पाए गए थे। इसके बाद से कार्रवाई नहीं हुई थी। बता दें, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संजय गांधी अस्पताल संचालित होता है। राहुल गांधी इस अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी हैं।
आज होनी है कांग्रेस कार्यसमिति की भी बैठक
दिलचस्प बात है कि आज (10 जुलाई) कांग्रेस की कार्यसमिति की भी बैठक हो सकती है, जिसमें राहुल गांधी का इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार हो सकता है। राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि वह नए अध्यक्ष को चुने जाने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस पार्टी को अब अपना नया अध्यक्ष चुनना है।