एलगार परिषद मामला: पुणे पुलिस ने नोएडा में डीयू प्रोफेसर के घर तलाशी ली, कुछ गैजेट्स किए जब्त
पुणे पुलिस ने माओवादियों से कथित संपर्क रखने को लेकर 2017 के एलगार परिषद मामले में मंगलवार को डीयू के प्रोफेसर हनी बाबू के दिल्ली से लगे नोएडा स्थित घर पर छापा मारा।
पवार ने कहा, “हमने पुणे के विश्रामबाग पुलिस थाने में दर्ज एलगार परिषद से संबंधित मामले के सिलसिले में नोएडा स्थित बाबू के घर पर छापा मारा।” उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किये हैं।’’ बाबू पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश रचने), 121 और 121ए(सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना या इसकी कोशिश करना), 124 ए (राजद्रोह) सहित अन्य आरोप लगाये गए हैं। वहीं, बाबू ने आरोप लगाया है कि पुलिस के पास तलाशी वारंट नहीं था और उसने उनकी बेटी एवं पत्नी के फोन जब्त कर लिये तथा उन्हें मित्रों से संपर्क करने से रोक दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी मेरे घर में घुसे और मेरे अपार्टमेंट के हर कमरे की तलाशी ली।
तलाशी छह घंटे तक चली, जिसके अंत में उन्होंने कहा कि वे लोग मेरा लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मेरा पेन ड्राइव और पुस्तकें जब्त कर रहे हैं। उन्होंने मुझसे मेरे सोशल मीडिया अकाउंटों और ईमेल अकाउंटों का पासवर्ड बदलवाया। ’’ उनकी पत्नी जेनी रोवेना ने कहा कि छापे के बाद वे भयभीत हैं लेकिन डीयू के अध्यापकों और छात्रों ने उनके साथ एकजुटता जाहिर की है। उनकी पत्नी डीयू के मिरांडा हाऊस कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाती हैं। जेनी ने कहा, ‘‘जब सुबह साढ़े छह (6:30) बजे वे (पुलिस) आए तब हम लोग गहरी नींद में सो रहे थे। उन्होंने हमसे कहा कि इस मामले में तलाशी वारंट की जरूरत नहीं है। उन्होंने हमें कुछ केस नंबर बताए और फिर कहा कि यह रोना विल्सन मामले से जुड़ा है।’’
विल्सन उन पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्हें माओवादियों से करीबी संपर्क रखने के आरोप में जून 2018 में एक ही समय पर मारे गए छापों में गिरफ्तार किया गया था। जेनी ने कहा, ‘‘हमारे पास तीन कमरों में पुस्तकें रखी हुई हैं और उन्होंने पुस्तकों के वीडियो बनाये। छह घंटे बाद उन्होंने कहा कि आप अब कोरेगांव भीमा मामले में संदिग्ध हैं।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उन्होंने(पुणे पुलिस ने) कहा कि हनी बाबू कोरेगांव भीमा मामले में संलिप्त हैं और इस वजह से वे बगैर तलाशी वारंट के उनके घर की तलाशी ले सकते हैं। उन्होंने छह घंटे तक तलाशी ली, वे तीन पुस्तकें, लैपटॉप, फोन, हार्ड डिस्क ले गये।’’ नोएडा (गौतम बुद्ध नगर जिला) पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके आवास पर सिर्फ तलाशी और संदिग्ध सामग्री जब्त करने का अभियान चलाया गया।
गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने कहा, ‘‘पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग की गई, तलाशी के कारण उन्हें अंग्रेजी में बताये गए, जब्ती का पंचनामा पावती के साथ दिया गया। ’’ एसएसपी ने बताया कि बाबू इस दौरान घर पर ही मौजूद थे। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। पुणे पुलिस की टीम में पवार के अलावा अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी एवं साइबर विशेषज्ञ शामिल थे।
वहीं नोएडा पुलिस ने साजो सामान से मदद मुहैया की। जब्त की गई सामग्रियों का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने बाबू के आवास पर मारे गए छापों की निंदा की है। डूटा ने एक बयान में कहा, ‘‘बगैर तलाशी वारंट के इस तरह के छापे लोकतंत्र की मूल भावना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ हैं।’’ डूटा ने कहा, ‘‘हम असहमति की आवाज के प्रति इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने वाले रवैये को फौरन खत्म करने की मांग करते हैं।’’
वहीं, आरएसएस से संबद्ध राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षक मोर्चा के सदस्य रासल सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘डीयू का अंग्रेजी विभाग इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है।’’ कोरेगांव भीमा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ से पहले पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। पुलिस के मुताबिक इस कार्यक्रम के दौरान दिये गए भाषणों की वजह से जिले के कोरेगांव-भीमा गांव के आस-पास एक जनवरी 2018 को जातीय हिंसा भड़क गई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।