जौनपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा जिला है जौनपुर। इस जिले की इमरती और मूली काफी मशहूर है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में एक नशीला पदार्थ भी जौनपुर की पहचान बन गया है। इस नशीले पदार्थ को 'दोहरा' नाम दिया गया है। खास बात यह है कि यह नशीला पदार्थ सिर्फ जौनपुर व इसके आसपास के इलाकों में बनाया और बेचा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोहरा का बड़े पैमाने पर निर्यात भी होता है। हालांकि जिन वजहों से यह हालिया वर्षों में चर्चा रहा है वह है इसके सेवन से होने वाली बीमारियां और मौतें।
डॉक्टरों के मुताबिक, दोहरा की वजह से मुंह का कैंसर होता है। जौनपुर जिले के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ के मुताबिक, जिले में मुंह के कैंसर के रोगियों की बढ़ती संख्या के पीछे इस मादक पदार्थ का बड़ा हाथ है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अब तक पांच सौ से ज्यादा मुंह के कैंसर के रोगियों का इलाज किया जा चुका है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस नशीले पदार्थ के लगातार सेवन से मुंह के कैंसर, आंत के कैंसर और गले के कैंसर समेत तमाम लाइलाज बीमारियां जन्म लेती हैं।
Dohra Jaunpur
सामाजिक संगठन ने खोला मोर्चा
जौनपुर में निर्मित होने और बिकने वाले दोहरे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए समाज सेवक विकास तिवारी लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं। इस नशीले पदार्थ पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर वह जिले के कई आला अधिकारियों से भी मिल चुके हैं। इसके अलावा दोहरे पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर कई बार जुलूस भी निकाला गया है। इस मुद्दे की संवेदनशीलता इसी बात से समझी जा सकती है कि इस नशीले पदार्थ पर रोक लगाने की मांग को लेकर जौनपुर के सांसद कृष्ण प्रताप सिंह भी जिलाधिकारी से मुलाकात कर चुके हैं।
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