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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश सुलखान सिंह: एक इंजीनियर से DGP बनने का सफर

सुलखान सिंह: एक इंजीनियर से DGP बनने का सफर

सुलखान सिंह 1980 कैडर के अधिकारी हैं। मूल रूप से प्रदेश के बांदा से सम्बन्ध रखने वाले नये डीजीपी ने इंजिनियरिंग और वकालत पढ़ी है।

sulkhan singh- India TV Hindi Image Source : PTI sulkhan singh

सुलखान सिंह 1980 कैडर के अधिकारी हैं। मूल रूप से प्रदेश के बांदा से सम्बन्ध रखने वाले नये डीजीपी ने इंजिनियरिंग और वकालत पढ़ी है। प्रदेश के सबसे सीनियर सुलखान सिंह का चार महीने बाद ही रिटायरमेंट हैं। मालूम हो कि जावीद सपा सरकार में 15 अफसरों को सुपरसीड करके डीजीपी बने थे। अहमद का कार्यकाल मार्च 2020 तक था।

1982 बैच के अधिकारी हैं सुलखान 

सुलखान सिंह अभी तक डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात थे। इसके अतिरिक्त पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष और डीजी अभियोजन के पद पर तैनात डॉ. सूर्य कुमार को डीजी अभियोजन के पद से मुक्त कर दिया गया है। वे अब पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पर बने रहेंगे। डॉ. कुमार 1982 बैच के अधिकारी हैं।

कहां के रहने वाले हैं 
सुलखान यूपी के ही बांदा के रहने वाले हैं। उनकी पैतृक गांव जौहरपुर हैं बांदा-फतेहपुर की सीमा पर यमुना किनारे आबाद जौहरपुर गांव की आबादी लगभग 10 हजार है। 20 किलोमीटर दायरे में फैला है। श्री सुलखान सिंह के पिता लाखन सिंह व भाई इत्यादि यहीं आबाद हैं। वह चार भाइयों में सबसे बडे़ हैं। उनका जन्‍म 8 सितंबर 1957 को हुआ था।

कितने पढ़े-लिखे हैं और कैसी हैं छवि

सुलखान की शुरुआती शिक्षा बजरंग इंटर कॉलेज में हुई है। उन्‍होंने आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग की है, सुलखान ने लॉ भी किया है। सुलखान अपनी सख्ती के लिए मशहूर हैं। आगरा में अपने कार्यकाल के दौरान उनकी ये छवि बनी थी, जिसे आज भी लोग याद करते हैं।

क्‍यों डीजीपी बनाए गए

विशेषज्ञों का मानना है कि योगी सरकार उत्‍तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुलखान की ही तरह किसी ईमानदार और तेज-तर्रार अफसर की तलाश में थी। इसीलिए उनका चुनाव किया गया।

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