शाहजहांपुर (उप्र): स्थानीय जिला कारागार में कथावाचक आसाराम के शिष्यों द्वारा कंबल वितरण कर उनका महिमामंडन करने के मामले में एक बंदी रक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है जबकि तीन बंदी रक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैl जेल उपमहानिरीक्षक आर एन पांडेय ने बताया कि इस मामले में जेल अधीक्षक और जेलर को भी दोषी पाया गया है और मामले की जांच रिपोर्ट महानिदेशक कारागार को भेजी गई हैl
उन्होंने बताया कि आसाराम से जुड़े आश्रम की ओर से नरेंद्र गिरि समेत तीन लोग आए थे उनमें कृपाल हत्याकांड में शामिल रहा अर्जुन नहीं था। लेकिन जेल अधीक्षक द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में नारायण पांडे तथा अर्जुन की मौजूदगी दिखायी गयी है। पांडेय ने बरेली से फोन पर बताया कि जिला कारागार शाहजहांपुर मेंबापू का महिमामंडन करने को मामले में जांच में पाया गया कि कृपाल हत्याकांड में 2015 से 2019 तक जेल में बंद रहा नारायण पांडे और अर्जुन जेल नहीं आये थे।
पांडेय ने बताया कि जांच में उन्होंने जेल गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे तथा आगंतुक रजिस्टर देखा तो पाया कि वहां पर कंबल वितरण वाले दिन इन लोगों की एंट्री नहीं की गई थी जो एक गंभीर अपराध है इसीलिए प्रथम गेट के बंदी रक्षक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई हैl दूसरे गेट पर तैनात बंदी रक्षक एवं कार्यक्रम स्थल पर मौजूद दो बंदी रक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैl
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने भी एक बंदी रक्षक पर विभागीय कार्रवाई तथा तीन अन्य बंदी रक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की पुष्टि की हैl उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को शाहजहांपुर के जिला कारागार में आसाराम से जुड़े आश्रम की ओर से कंबल वितरण का कार्यक्रम हुआ था। आसाराम से जुड़े एक मामले की पीड़िता के पिता ने भी कारागार में हुए आसाराम के महिमामंडन के मामले में आपत्ति की थी।
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