लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को पुलिस के रोकने पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी के घर पैदल ही पहुंच गयी। प्रियंका, प्रदेश मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद नये नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस.आर.दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये बाहर निकलीं।
पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने मुझे बेवजह रोका। मेरा गला दबाकर मुझे रोका गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने 'भाषा' को बताया कि रास्ते में लोहिया चौराहे के पास पुलिस ने प्रियंका के वाहन को रोक दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया और पूछा कि आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मेरी सुरक्षा का नहीं बल्कि योगी की पुलिस का मुद्दा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं और करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी में बैठीं। कांग्रेस नेता ने बताया कि आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं।
इस दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया और कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं। बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं और इसके लिए उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया।
दारापुरी के परिजनों से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा ''मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।'' इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उनकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ''सबकी राजनीति को खतरा है।''
(इनपुट-भाषा)
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