नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। लखनऊ में विधानसभा और सीएम आवास के बाहर आलू फेंकने वाले किसान नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के नेता थे। पुलिस समाजवादी पार्टी के दो नेताओं से पूछताछ कर रही है। उनके नाम प्रदीप सिंह और अंकित सिंह हैं। बताया जा रहा है कि प्रदीप और अंकित सिंह समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी हैं। एसपी के दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने साजिश के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आलू फेंके ताकि जनता में ये संदेश जा सके कि यूपी में किसानों को आलू के दाम नहीं मिल रहे हैं और वो आलू सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं।
खुलासा ये हुआ है कि दोनों नेता प्रदीप सिंह और अंकित सिंह कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से आठ गाड़ियों में आलू भरकर लखनऊ पहुंचे थे और सुबह-सुबह उसे सीएम आवास के बाहर फेंककर फरार हो गए। पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिस वाहन से आलू गिराया गया उसके चालक के बयान के आधार पर इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों लोहिया वाहिनी के सदस्य बताये जा रहे हैं।
गौरतलब है कि छह जनवरी की तड़के कुछ लाेगों ने हजरतगंज इलाके में विधानभवन से लेकर गौतमपल्ली इलाके में लोहिया पथ पर आलू गिराये थे। इस संबंध में गौतमपल्ली थाने में तैनात रात्रि अधिकारी उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार, कांस्टेबल कोमल सिंह और नवीन कुमार के अलावा हजरतगंज थाने में तैनात रात्रि बीट डयूटी कांस्टेबल अंकुर चौधरी और वेद प्रकाश को निलम्बित कर दिया गया था।
जहां आलू फेंके गये थे वे क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से काफी संवेदनशील हैं। आलू फेंके जाने के बाद सूबे की राजनीति काफी गरम हो गयी थी। विपक्षी दलों ने सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था।
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