झांसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए कहा कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। झांसी के किले में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन होते तो देश की आजादी का इतिहास कुछ और होता।’
मोदी ने इस मौके पर 3,425 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की झांसी में शुरुआत करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब हमें आजादी मिली, तब हमारे पास अवसर था, अनुभव था। देश को सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाना, आत्मनिर्भर बनाना, हमारी जिम्मेदारी है। यही आजादी के अमृत काल में हमारा संकल्प और देश का लक्ष्य है। लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है, लेकिन आज देश का मंत्र ‘मेक इन इंडिया, मेक फार वर्ल्ड’ है।’
मोदी ने कहा, ‘आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है और नए स्टार्टअप को अपने क्षेत्र में कमाल दिखाने का मौका मिल रहा है। इसमें झांसी क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी। यहां एमएसएमई और छोटे उद्योगों के लिए नयी संभावना और युवाओं को रोजगार के लिए नए अवसर मिलेंगे। हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत की है और इस वर्ष 33 सैन्य स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश दिया गया है। सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी।’
‘रक्षा गलियारे’ में झांसी क्षेत्र की 400 करोड़ रुपये की परियोजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘आज हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। सौ सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी।’ झांसी की रानी के साथ ही बुंदेलखंड के अन्य वीरों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं नमन करता हूं बुंदेलखंड के गौरव उन वीर आल्हा-उदल को, जो आज भी मातृभूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं।’
पीएम ने कहा, ‘मैं नमन करता हूं इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएं लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया। मैं झांसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद का भी स्मरण करना चाहूंगा, जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी। अभी कुछ समय पहले हमारी सरकार ने देश के खेल रत्न अवार्ड को मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने की घोषणा की है।’ कार्यक्रम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया।
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