लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पशुओं के हितों के लिए काम करने वाली संस्था PETA की एक होर्डिंग को मौलवियों की आपत्ति के बाद हटा लिया गया है। बता दें कि इस होर्डिंग में एक बकरी की तस्वीर के साथ लिखा था कि इनकी बलि न चढ़ाएं और ‘शाकाहारी बनें’। एक वरिष्ठ सुन्नी मौलवी की आपत्ति के बाद इस होर्डिंग को हटा लिया गया। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद राशीद फिरंगी महली ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को ईमेल भेजकर विवादित होर्डिंग हटाने की मांग की थी।
‘बकरीद से पहले इस तरह की होर्डिंग क्यों’
बता दें कि 31 जुलाई को बकरीद का त्योहार मनाए जाने की उम्मीद है, जिसमें बड़े पैमाने पर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। ऐसे में बकरीद के त्योहार से पहले बकरे की फोटो लगी इस होर्डिंग पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली एवं अन्य लोगों ने आपत्ति जताई थी। मौलवी ने सवाल उठाए कि ‘31 जुलाई को बकरीद मनाए जाने की उम्मीद है। त्यौहार के ठीक पहले इस तरह की होर्डिंग क्यों लगाई जा रही है?’ कैसरबाग पुलिस थाने में भी 2 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें इन होर्डिंग्स को हटाने की मांग की गई थी।
क्या काम करती है PETA?
PETA एक गैर-सरकारी संगठन है जो जानवरों के हितों के लिए काम करती है। इस संस्था का मानना है कि पशुओं का भोजन, वस्त्र, वैज्ञानिक प्रयोगों या मनोरंजन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। PETA के अनुसार यह संस्था पशुओं के 'कल्याण एवं पुनर्वास' का काम करती है। इस संस्था का गठन 1980 में अमेरिका में हुआ था और इसका दावा है कि इसके दुनियाभर में 65 लाख से ज्यादा सदस्य हैं। संस्था ने लखनऊ में जो होर्डिंग लगाई थी उस पर बकरे की तस्वीर लगाकर लिखा गया था, ‘मैं जीव हूं, मांस नहीं, हमारे प्रति नजरिया बदलें, शाकाहारी बनें।’
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