लखनऊ. कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'जनता कर्फ्र्यू’ की अपील का उत्तर प्रदेश में जबर्दस्त असर देखा गया। इस दौरान सड़कों पर अभूतपूर्व सन्नाटा पसरा रहा और शाम पांच बजे लोगों ने अपने घरों की बाल्कनी और दहलीज पर थाली, शंख और ताली बजाकर संकट की इस घड़ी में राष्ट्रसेवा कर रहे लोगों के प्रति सम्मान जाहिर किया।
प्रधानमंत्री के ही आह्वान पर लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच अपने फर्ज को अंजाम दे रहे चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों, सैनिकों तथा आवश्यक सेवाओं से जुड़े अन्य लोगों के सम्मान में अपने घरों की बाल्कनी और दहलीज पर खड़े होकर थाली, शंख, घंटी और तालियां बजायीं।
गोरखपुर में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घंटी बजाकर राष्ट्र रक्षकों के प्रति सम्मान जाहिर किया। इससे पहले राजधानी लखनऊ सहित तमाम शहरों में सुबह सात बजे से जनता कर्फ्यू शुरू हो गया और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
लखनऊ में आमतौर पर व्यस्त रहने वाले हजरतगंज, आलमबाग, गोमती नगर, अलीगंज और अमीनाबाद जैसे इलाकों में दुकानें पूरी तरह बंद रहीं और सड़कों पर पुलिस बलों के वाहनों के सिवाय और कोई गाड़ियां वाहन नजर नहीं आयीं। अत्यावश्यक कार्य से निकलने वाले इक्का-दुक्का लोगों को पुलिसकर्मी समझाते नजर आए कि वे घरों में ही बंद रहे और बाहर ना निकले।
गोरखपुर,रायबरेली, आजमगढ़, गोंडा, बहराइच, कानपुर, बरेली और झांसी सहित तमाम जिलों से मिल रही खबरों के मुताबिक जनता कर्फ्यू का पूरा असर रहा और लोग अपने घरों में ही बंद रहे। इस दौरान सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और दुकानें तथा बाजार पूरी तरह बंद रहे। सिनेमाघर, कैफे, रेस्तरां और बार जैसी जगहों को बंद करने के आदेश सरकार ने पहले ही दे दिए थे।
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