बरेली (उप्र): बरेलवी मुसलमानों की अकीदत का प्रमुख केन्द्र मानी जाने वाली दरगाह आला हजरत पर बुधवार से शुरू होने जा रहे 101वें उर्स में इस दफा पाकिस्तान से जायरीन नहीं आएंगे। दरगाह से सम्बद्ध तनजीम जमात-रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने सोमवार को बताया कि दरगाह प्रशासन ने इस बार उर्स में पाकिस्तान के जायरीन बुलाने के लिए विदेश मंत्रालय से कोई पैरवी नहीं की है और न ही पाकिस्तान के किसी भी श्रद्धालु ने उर्स में शामिल होने के लिए आवेदन की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि दरगाह आला हजरत के उर्स में हर साल दुनिया के कोने-कोने से लाखों जायरीन शिरकत करते हैं। इस बार 23 अक्टूबर को शुरू होने वाले तीन दिवसीय उर्स में मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, हॉलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश, तुर्की, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, मलेशिया, सऊदी अरब, दुबई आदि देशों के अकीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
दरगाह आला हजरत के मीडिया विभाग के प्रतिनिधि नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स के लिए इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में तैयारियों का सिलसिला तेज हो गया है। दोनों स्थलों पर लाखों की तादाद में जायरीन आएंगे। उनके लिए ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
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