नई दिल्ली: आधे हिंदुस्तान पर कुदरत का कहर बरस रहा है। सैलाब की शक्ल में लोगों पर मुसीबतों का ऐसा पहाड़ टूटा है कि शहर शहर इंसान बेबस हैं। दक्षिण में तबाही की कहानी रूक गई लेकिन उत्तर भारत में तबाही का सिलसिला जारी है। सैलाब इतनी ताकत के साथ लोगों पर अटैक कर रहा है कि भारी भरकम तेल ढोने वाला टैंकर भी नाव की तरह बहता नज़र आ रहे हैं। भारी बारिश की वजह से बिजनौर हरिद्वार एनएच 74 पर कोटावाली नदी उफान पर थी। पुल पर दरार आने से भारी वाहनों की आवाजाही बंद थी और बड़ी गाड़ियां जान जोखिम में डालकर नदी के नीचे बने रास्ते से गुजर रही थी।
मुश्किल तब खड़ी हो गई जब अचानक सैलाब ने पूरे रास्ते को अपनी आगोश में ले लिया। ये मंज़र देखकर लोग हैरान थे। कुछ ने रुक जाना मुनासिब समझा लेकिन इस टैंकर का ड्राइवर नदी को जल्दी पार करने के चक्कर में तेज रफ्तार से भगाने लगा लेकिन तभी टैंकर का संतुलन बिगड़ गया और वो सीधे कोटावाली नदी में जा गिरा। लोगों ने उससे मना भी किया लेकिन वो नहीं माना।
इसके बाद जो हुआ उस पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। लहरों की ताकत के आगे कागज की कश्ती बन गया था कई टन का ये भारी भरकम टैंकर। पुलिस ने लोगों की सहायता से चालक सहित टैंकर में सवार चार लोगों को सकुशल बचा लिया। पुलिस के अनुसार नदी पर बने पुल पर फिलहाल आवागमन रोक दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर हो रही अत्यधिक बारिश से कोटावाली नदी रौद्र रूप लिए हुए है। पता चला है कि जो टैंकर बिजनौर के भागूवाला चेकपोस्ट पर कोटावाली नदी में बहा था वो बहते बहते सबलगढ़ तक पहुंच गया।
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