लखनऊ। राजधानी लखनऊ के मलीहाबाद स्थित दिलावर नगर में एक दलित किसान की पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने रविवार को बताया कि दिलावर नगर में 10/11 सितंबर की रात को गुलाम अली, मुस्तकीम, मुफीद, शानू और गुड्डू नामक व्यक्तियों ने हॉज पाइप पर मोटरसाइकिल चढ़ाने का विरोध करने पर 30 वर्षीय दलित किसान रामविलास रावत की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराई जा रही है और दोषी लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि रासुका के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है, बशर्ते अधिकारी इस बात को लेकर सुनिश्चित हों कि उस व्यक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता है। जिला अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शनिवार को रावत के परिवार के लोगों से मुलाकात की और उन्हें पांच लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई। उन्होंने परिजन से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की।
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गौरतलब है कि दलित किसान रामविलास रावत की हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हरदोई मार्ग पर रास्ता जाम कर दिया था और मौके पर पहुंची पुलिस पर पथराव किया था। इस बीच, मलीहाबाद के उप जिलाधिकारी अजय कुमार राय ने बताया कि इलाके में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। एहतियातन पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक तीन अभियुक्तों गुलाम अली, मुस्तकीम और मुफीद को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी दो की तलाश की जा रही है।
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5 लाख मुआवजे का किया ऐलान
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने मलिहाबाद का दौरा किया और शोक संतप्त परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया। साथ ही मृतक किसान की विधवा सुमन देवी को आश्वासन दिया कि परिवार को ग्रामीण आवास योजना के तहत घर दिया जाएगा और रावत की विधवा और पिता को पेंशन दी जाएगी।
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