नोएडा में यमुना ने विकराल रूप धारण किया, 77 गांवों पर बाढ़ का खतरा
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को छोड़े गए आठ लाख क्यूसेक पानी के कारण बुधवार को नोएडा में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया। इससे जिले के 77 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
नोएडा: हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को छोड़े गए आठ लाख क्यूसेक पानी के कारण बुधवार को नोएडा में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया। इससे जिले के 77 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि मंगलवार को ओखला बैराज पर 77,429 क्यूसेक पानी था, जो बुधवार दोपहर बढ़कर 1,23,000 क्यूसेक हो गया। उन्होंने बताया कि पानी का स्तर बढ़ने से यमुना के दोनों तटबंध तथा आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। यमुना खादर में फसल को भारी नुकसान हुआ है। धान, बाजरा, ज्वार की फसल बर्बाद हो गई है।
चौहान ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए 17 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, जो 24 घंटे कार्य कर रही हैं। सूचना अधिकारी ने बताया कि गांवो में पानी भरने लगा है, जिसकी वजह से लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हो रही है। गांवों में पानी में फंसे लोगों को निकालकर प्राथमिक स्कूलों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में बाढ़ का ज्यादा खतरा है, उनमें बदौली, झट्टा, कुंडली, मोमनाथल, मोतीपुर, मोहियापुर, छपरौली, मेहंदीपुर बांगर, चंडीगढ़, फलैदा, सिरौली बांगर, करौली बांगर, घरबरा, लतीफपुर आदि हैं।
अधिकारी ने बताया कि मोमनाथल गांव के पास यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से हिंडन नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। जो लोग पुस्ता के अंदर मकान बनाकर रह रहे हैं, उन्हें दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग के लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम हर पल की खबर रखे हुए हैं। जनपद में नौकाएं उपलब्ध हैं। अगर जरूरत पड़ी तो और नौकाएं अनूपशहर से मंगाई जाएंगी।
सूचना अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम हरियाणा की सीमा से सटे गौतम बुद्ध नगर के गांव तिलवाड़ा में खेत पर काम कर रहे आठ लोग बाढ़ के पानी में फंस गए। उनको बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम बुलाई गई। इन लोगों में तीन महिलाएं, दो बच्चे और तीन पुरुष थे। अपर जिलाधिकारी एम एन उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए मोतीपुर गांव के आठ परिवारों को गांव के प्राथमिक स्कूल में पहुंचाया जा रहा है।
वहीं, तिलवाड़ा गांव में आठ परिवारों को प्रभावित इलाकों से हटाया गया है। तिलवाड़ा में 40 लोगों को अभी गांव की सड़क पर ही ठहराया गया है। उनके लिए तिलवाड़ा के प्राइमरी स्कूल में व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि मोतीपुर गांव के पास यमुना हिंडन नदी में मिलती है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से हिंडन का भी जलस्तर बढ़ने लगा है। इस वजह से हिंडन किनारे बसे गांवों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।