नोएडा प्रशासन ने बदली कंटेनमेंट जोन की गाइडलाइन, अब पूरा टावर नहीं होगा सील
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने कंटेनमोेंट जोन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने कंटेनमोेंट जोन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, बहुमंजिला इमारतों में अब कोविड-19 का केस मिलने पर पूरी सोसायटी या फिर टॉवर को सील नही किया जाएगा। कोरोना संक्रमित पीड़ित का फ्लोर ही कंटेन्मेंट जोन बनाया जाएगा।
गौतमबुद्धनगर जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी क्षेत्र में सिंगल केस होने की स्थिति में शहरी क्षेत्र में प्रत्येक कोविड-19 पॉजीटिव केस के लिए उस केस को केंद्र मानते हुए 250 मीटर के क्षेत्र और पूरे मोहल्ले को कन्टेनमेंट जोन बनाया जाएगा। एक ही घर में एक से अधिक केस होने पर भी सिंपल केस के समान कन्टेनमेंट जोन निर्धारित होगा। साथ ही किसी क्षेत्र में एक से अधिक केस (कल्स्टर) के लिए 500 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कन्टेंनमेंट जोन बनाया जाएगा जिसके उपरांत 250 मीटर रेडियस का क्षेत्र बफर जोन होगा।
साथ ही किसी बहुमंजिले भवन में एक तल पर कोविड पॉजिटिव केस पाए जाने की स्थिति में जिस फ्लोर पर उस केस का आवास होगा उस फ्लोर को कन्टेंनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुए कार्यवाही की जाएगी। किसी बहुमंजिला इमारत में एक से अधिक तलों पर कोविड पॉजिटिव केस पाए जाने की स्थिति में संबंधित टावर या बहुमंजिले भवन को कन्टेंनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुए कार्यवाही की जाएगी। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह के अनुसार निर्णय ले सकता है।
साथ ही वहीं ग्रामीण क्षेत्र को लेकर भी नियमों में बदलाव किया गया है। अब किसी ग्राम में सिंगल केस होने पर राजस्व ग्राम के संबंधित मजरे की आबादी के निवास क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। किसी ग्राम में एक से अधिक केस (कलस्टर) हने पर उक्त राजस्व ग्राम के संबंधित मजरे के निवास क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। इस गांव के आसपास पड़ने वाले दूसरे राजस्व ग्रामों के मजरे बफर जोन में आएंगे। कंटेनमेंट जोन को लेकर नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में टीमों द्वारा चिन्हित किसी भी संभावित रोगी का चिन्हीकरण के उपरांत 24 घंटे के अंदर सैंपल एकत्र करना अनिवार्य होगा।