गौतमबुद्धनगर. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं अब तक कुल 235 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। इसी क्रम में जिले में पहली बार 65 वर्षीय एक महिला का प्लाज्मा थेरेपी से सफल इलाज किया गया। ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक होने का यह पहला मामला है।
महिला मरीज आगरा की रहने वाली है। यह महिला 5 मई को संक्रमित पाई गई थी। महिला को मेट्रो अस्पताल से जिम्स अस्पताल में भेजा गया था। भर्ती होने के 12 दिन बाद महिला का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू किया गया था।
जिम्स के नोडल अधिकारी डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया, "महिला डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर से पहले से पीड़ित थी। उसे सांस लेने में भी दिक्कत थी। महिला की एक्सरे रिपोर्ट से उसे निमोनिया होने का पता चला। वह कोरोना पॉजिटिव भी थी। उसका इलाज लगभग 15 दिन चला। महिला को 21 या 22 मई के आसपास घर भेजा गया था।"
इसके अलावा जिम्स अस्पताल में इस समय और 4 मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज चल रहा है। इसी अस्पताल के चिकित्सक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "प्लाज्मा थेरेपी से मरीज के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के पॉजिटिव रिस्पांस भी आ रहे हैं।"
ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल ने आईसीएमआर से प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने की अनुमति मांगी थी और इजाजत मिलने के बाद मरीजों का इलाज इस थेरेपी से करना शुरू किया था। कोरोना संक्रमित मरीज पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकता है और एक बार दान करने के 15 दिन बाद फिर प्लाज्मा दान कर सकता है।
गौतमबुद्धनगर में इस समय शारदा अस्पताल, चाइल्ड पीजीआई और जिम्स में संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है, लेकिन प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने की इजाजत सिर्फ जिम्स को मिली हुई है। खुशी की बात यह है कि जिम्स में 5 लोग अपना प्लाज्मा दान कर चुके हैं। हर स्वस्थ व्यक्ति ने अपना 400 मिलीलीटर प्लाज्मा दान किया है। 400 मिलीलीटर प्लाज्मा से 2 मरीजों का इलाज हो सकता है।
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