नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर बनने में दो रही देरी से नाराज अयोध्या के संत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे। इन संतों की मांग है कि राम मंदिर 2019 से पहले बनाए सरकार। संतों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर मंदिर चुनाव तक नहीं बनना शुरु हुआ तो सरकार की इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास के साथ रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास सीएम योगी से मिलने पहुंचे।
संतों की मानें तो राम मंदिर निर्माण को मुद्दा बनाकर भाजपा प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है लेकिन मौजूदा समय में कई प्रांतों और केंद्र में भाजपा की सरकार है। फिर भी राम मंदिर निर्माण के लिए पार्टी की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है।
आक्रोशित साधु-संत कह रहे हैं कि रामलला को भुलाने का परिणाम भाजपा को उपचुनाव में देखना पड़ रहा है। अगर भाजपा नहीं मानीं तो इसका खामियाजा उसे 2019 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि अयोध्या के सभी साधु संत भाजपा से नाराज ही हैं। कुछ साधु-संत मोदी और योगी की तारीफ जरूर करते हैं लेकिन भव्य राम मंदिर के निर्माण की इच्छा भी व्यक्त करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि राम मंदिर को लेकर साधु-संतों में नाराजगी है।
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