गाजियाबाद: नोएडा के निठारी में दुष्कर्म और हत्या के कई मामलों में से एक में शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 वर्षीया युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया। CBI ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज आठवां मामला है। CBI की विशेष अदालत के जज पवन कुमार तिवारी ने दोनों को दोषी करार दिया। फैसला सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर कोर्ट में ही मौजूद थे। कोर्ट का फैसला आने के तुंरत बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। पंढेर जमानत पर रिहा चल रहा था। कोर्ट दोनों के खिलाफ सजा 24 जुलाई को सुनाएगी।
युवती की हत्या कर सिर को धड़ से अलग किया था
घटना पांच अक्टूबर, 2006 की है, जब पीड़िता अपने कार्यालय से घर लौट रही थी और निठारी में पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी। कोली ने महिला की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और खोपड़ी घर के पिछले हिस्से में फेंक दी, जिसे सीबीआई ने बाद में बरामद किया। खोपड़ी का डीएनए पीड़िता के माता-पिता के डीएनएस से मैच कर गया। कोली के पास बरामद पीड़िता के कपड़ों की पहचान भी उसके माता-पिता ने की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पंढेर इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल था।
2006 में निठारी कांड का खुलासा
यह बेहद खौफनाक मामला 2006 में सामने आया था, जब पुलिस ने नोएडा के निठारी में स्थित पंढेर के घर के पास से 16 लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां बरामद कीं, जिनमें से अधिकांश बच्चों की थीं। मामले के प्रकाश में आने से पहले निठारी की झुग्गियों से कई बच्चे गायब हो चुके थे। ऐसे बच्चों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायतें नजरअंदाज कीं।
बच्चों को चॉकलेट-मिठाई का लालच देता था
कोली पर बच्चों को चॉकलेट, मिठाई वगैरह का लालच देकर फुसलाकर घर बुलाने, उनकी हत्या करने और उनके शवों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप था। कोली पर मानव मांस भक्षण का आरोप भी था। वह पीड़ितों के शरीर के अंगों, हड्डियों और उनके सामान घर के पिछले हिस्से में बने एक गड्ढे में फेंक देता था।
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