ओवैसी ने अखिलेश यादव को दी बहस की चुनौती, कहा-धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया
ओवैसी ने साफ किया कि इसका मतलब है कि यादवों ने सपा के मुस्लिम उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में क्या हुआ था लेकिन आज धर्मनिरपेक्ष दल इसका उल्लेख करने से डरते हैं, उन्हें डर है कि वे वोट खो देंगे।
अयोध्या: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया है। उन्होंने जनता से किए गए खोखले वादों को साबित करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को आमने-सामने बहस करने की चुनौती दी। अयोध्या जिले की एकमात्र मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र रुदौली के रसूलाबाद गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, "क्या मुजफ्फरनगर के दंगाइयों को न्याय के कटघरे में लाया गया है? अयोध्या में मुसलमान बाबरी विध्वंस के बारे में बात करने में भी शर्म या डर क्यों महसूस करते हैं।’’ ओवैसी ने आरोप लगाया, ''सभी राजनीतिक दलों ने मुसलमानों और दलितों का शोषण किया है। हमारी पार्टी हर घर में मजलिस आयोजित करेगी।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए AIMIM प्रमुख ने कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों के साथ विश्वासघात किया गया है। जो आज असहाय हैं वे उत्तर प्रदेश के मुसलमान हैं। राज्य में सभी को हिस्सा मिला, लेकिन यहां के मुसलमानों को उनका हिस्सा नहीं मिला। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया है।’’ ओवैसी ने घोषणा की, ''हम रुदौली निर्वाचन क्षेत्र में अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे। हम पर मुस्लिम वोटों को बांटने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन सच यह है कि यहां कोई भी मुस्लिम नेतृत्व का नाम नहीं लेता है और देश के राजनीतिक दल मुस्लिम नेतृत्व को विकसित नहीं होने देना चाहते।''
सपा प्रमुख पर तीखा हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि अखिलेश ने हमेशा मुसलमानों में डर पैदा किया है। समाजवादी पार्टी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘19 फीसदी (मतदाता) मुस्लिम हैं और नौ फीसदी यादव हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आपका (यादवों का) होगा और हमें (मुसलमानों को) चपरासी की नौकरी भी नहीं मिलेगी।’’ रुदौली के सपा नेता रुश्दी मियां का नाम लिए बिना, जो बीजेपी विधायक राम चंद्र यादव से 2017 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे, ओवैसी ने पूछा, "सपा के मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव क्यों हार गए और बीजेपी के यादव उम्मीदवार ने जीत कैसे हासिल की। ’’
ओवैसी ने साफ किया कि इसका मतलब है कि यादवों ने सपा के मुस्लिम उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में क्या हुआ था लेकिन आज धर्मनिरपेक्ष दल इसका उल्लेख करने से डरते हैं, उन्हें डर है कि वे वोट खो देंगे। ओवैसी ने यह भी कहा, "उत्तर प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। अब बीजेपी के सभी लोग 'तालिबान तालिबान' के नारे लगाएंगे। मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं कि उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देंगे।" फैजाबाद और अयोध्या के नाम के विवाद पर ओवैसी ने कहा कि ''फिरोजाबाद में बुखार से बच्चों की मौत हुई है। क्या नाम बदलकर उनकी जिंदगी वापस आ सकती है।
ओवैसी ने कहा, ‘‘बाबा' (योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए) का एक ही फॉर्मूला है- नाम बदलो।’’ AIMIM प्रमुख ने कहा, ''कुछ लोग कहने लगे कि मैं अयोध्या का नाम नहीं लेना चाहता। मैं कहना चाहता हूं कि अयोध्या भारत का है, फैजाबाद भारत का है और ओवैसी भी भारत का है, मैं अयोध्या जाऊंगा, उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है।'' उन्होंने कहा, "अब हमारा संगठन मजबूत है। हमारा पहला प्रयास है कि हमारा मुस्लिम नेतृत्व देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से शुरू हो। हमें मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) से डराया गया है, लेकिन हम केवल बीजेपी को हराने आए हैं।’’
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