मिसाल! मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की तेरहवीं की, बताई हैरान करने वाली बातें
भदोही के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज़ से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म निभाई।
भदोही: हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल को अमल में लाते हुए भदोही के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज़ से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म निभाई। तेरहवीं भोज के लिए बांटे गए कार्ड पर नीचे शोकाकुल परिवार में इरफान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया। ये ब्राह्मण भोज इरफान और फरीद ने अपने सहयोगी मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए 25 जून की रात शहर के हरिराम पुर में किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भोज में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के एक हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। कोतवाली पुलिस के मुताबिक मुरारी लाल श्रीवास्तव (65) को पिछले दिनों खेत में किसी जहरीले जंतु ने काट लिया था जिससे इलाज के दौरान 13 जून को उनकी मौत हो गई थी। मुरारी के परिवार में किसी के न होने पर उनका शव इरफान और फरीद के परिवार को सौंप दिया गया। दोनों ने कुछ सहयोगियों की मदद से पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया। इरफान और फरीद ने गुरुवार को बताया कि मुरारी घर के सदस्य की तरह पिछले 15 साल से हमारे साथ जुड़े रहे और हमें हमेशा उनका समर्थन मिला।
इरफान के मुताबिक मुरारी उनके घर के बुजुर्ग सदस्य की तरह थे इसलिए हम लोगों ने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिए करते। साथ ही कहा कि जब हम लोग तेरहवीं का कार्ड बांटने हर जगह गए तो सभी ने आश्चर्य जताया। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण भोज से पहले 22 जून को बाकायदा बाल उतारने की रस्म अदा की गई और 25 जून को रखे गए ब्राह्मण भोज में एक हज़ार से ज्यादा हिन्दूमुस्लिम सभी ने इसमें भाग लिया। मुस्लिम परिवार द्वारा ये सभी रस्में अदा किया जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।