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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'मुझे खाने में जहर दे सकती है योगी सरकार', वर्चुअल पेशी के दौरान कोर्ट में मुख्तार अंसारी का बयान

'मुझे खाने में जहर दे सकती है योगी सरकार', वर्चुअल पेशी के दौरान कोर्ट में मुख्तार अंसारी का बयान

मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से सिक्योरिटी की मांग करते हुए कहा कि विधायक होने के नाते उन्हें जेल में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए और अगर जेल में हाई सिक्योरिटी मिलती है तो उनके मन से डर खत्म हो जाएगा।

Mukhtar Ansari claims his life is in danger, says Yogi government can give me poison in food- India TV Hindi Image Source : PTI बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को योगी सरकार से डर सता रहा है

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में विकास दुबे प्रकरण के बाद बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को योगी सरकार से डर सता रहा है। गुरुवार को जेल से कोर्ट में वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नाराज है और कहीं सरकार 'मेरे खाने में जहर न मिला दे।' गुरुवार को मुख्तार अंसारी की कोर्ट के सामने एंबुलेंस कांड को लेकर वर्चुअल पेशी हुई है और उसी पेशी के दौरान उसने कोर्ट में अपने लिए 'उच्च श्रेणी' के कैदियों की सुविधाओं की मांग करते हुए यह बयान दिया है।

एम्बुलेंस मामले में गुरुवार को मुख्तार अंसारी बाराबंकी की विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ। मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से कहा कि सरकार से उसकी जान को खतरा है, सरकार खाने में जहर मिला सकती है। मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से जेल में उच्च श्रेणी की सुविधा देने की मांग की। मुख्तार ने कोर्ट से कहा कि पहले उसे जेल में उच्च श्रेणी की सुविधा मिली थी लेकिन ये सरकार नाराज है इसलिये उसे जेल में आम कैदी की तरह रहना पड़ रहा है। मुख्तार ने कोर्ट से कहा कि बीजेपी ने अपने कुछ पूर्व विधायकों और पूर्व ब्लॉक प्रमुख तक को उच्च श्रेणी की सुविधा दी है। मुख्तार अंसारी ने कहा कि उच्च श्रेणी के कैदी का खाना जेल में कैदी के सामने बनता है। कैदी को सुबह और शाम लकड़ी,आटा, दाल और चावल दिया जाता है। 

बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में गुरुवार दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई। मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने कोर्ट में मुख्तार अंसारी को उच्च श्रेणी का बंदी घोषित करने के लिये अप्लीकेशन दी। जिसमें कहा गया है कि मुख्तार अंसारी  ग्रेजुएट है, इनकम टैक्स देते हैं, 25 साल से यूपी विधानसभा के सदस्य हैं इसलिए मुख्तार को उच्च श्रेणी का बंदी घोषित किया जाए।

एप्लिकेशन में कहा गया है कि जेल मैन्युल के पैरा 287 में राज्य सरकार, ज़िला मजिस्ट्रेट, सेशन जज,एडीशनल सेशन जज को उच्च श्रेणी का बंदी घोषित करने का अधिकार है। लेकिन राज्य सरकार और जिलाधिकारी मुख्तार अंसारी को जेल में उच्च श्रेणी की सुविधा नहीं दे रहे इसलिये कोर्ट अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके मुख्तार को ये सुविधा दे। मामले की सुनवाई अब 7 अक्टूबर को होगी। बता दें कि, मुख़्तार अंसारी बाँदा जेल में बंद है। एम्बुलेंस मामले में गुरुवार को मुख्तार अंसारी बाराबंकी की विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ। 

मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से सुविधाओं की मांग करते हुए कहा कि विधायक होने के नाते उन्हें जेल में यह सब उपलब्ध कराया जाए और अगर जेल में बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो उनके मन से डर खत्म हो जाएगा। मुख्तार के वकील ने कोर्ट में वर्चुअल पेशी के लिए अर्जी लगाई हुई थी और उसी पर कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की है। 

मुख्तार ने आगरा की एमपी/एमएलए कोर्ट में उन्होंने 22 साल पुराने मामले से खुद को डिस्चार्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत ने मुख्तार अंसारी की याचिका खारिज कर दी, लेकिन बांदा जेल प्रशासन को अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। वह 1999 में आगरा की सेंट्रल जेल में बंद थे, तब उनकी बैरक में 18 मार्च 1999 को पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने छापा मारा था। वहां से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट मिली थी। इस मामले में आगरा के जगदीशपुरा थाने में अंसारी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने अंसारी के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।

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