प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की शिकायत के बाद मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है और सिर्फ दो ही लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। दरअसल, प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को पत्र लिखा था कि मस्जिद के लाउडस्पीकर की तेज आवाज में अजान के कारण नींद खराब होती है। वीसी ने थाना सिविल लाइन पुलिस से भी इसकी शिकायत की थी।
अब मामले में मस्जिद के इंतजामिया कमेटी के सदस्य मोहम्मद कलीम का बयान आया है। मोहम्मद कलीम ने कहा है दो लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति है और दो ही लाउडस्पीकर मस्जिद पर लगाए गए हैं। लेकिन, अगर फिर भी किसी को आवाज से परेशानी है तो इसकी आवाज कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है। इसके साथ ही लाउडस्पीकर का रुख भी VC आवास से दूसरी दिशा में कर दिया है।
मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने निर्णय लिया है कि मस्जिद से अब 50 फ़ीसदी यानी वॉल्यूम की पूरी क्षमता के आधे वॉल्यूम में ही लाउडस्पीकर से अजान दी जाएगी। इसके साथ ही इंतजामिया कमेटी ने VC संगीता श्रीवास्तव को हुई परेशानी के लिए खेद भी जताया है। कमेटी ने कहा कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी और प्रयागराज वापस लौटने पर बातचीत करके उन्हें संतुष्ट किया जाएगा।
वहीं, डीएम ने मामले में एक जांच कमेटी गठित की है, जो मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी। बता दें कि वीसी संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को लिखे पत्र में कहा कि रोज सुबह करीब साढ़े पांच बजे अजान होती है और लाउडस्पीकर से गूंजने वाली आवाज से नींद में खलल पड़ती है। उसके बाद तमाम कोशिशें करने पर भी वह सो नहीं पाती हैं, जिस कारण दिनभर सिरदर्द रहता है और कामकाज प्रभावित होता है।
संगीता श्रीवास्तव ने अपने पत्र में एक कहावत का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, "आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है।" इसके साथ ही अपने पत्र में उन्होंने यह भी साफ किया है कि वह किसी जाति, वर्ग या सम्प्रदाय के खिलाफ नहीं हैं। वह अपनी अजान लाउडस्पीकर के बगैर भी कर सकते हैं ताकि दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो।
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