उन्नाव रेप पीड़िता की हालत में मामूली सुधार, अब भी वेंटीलेटर पर
उन्नाव रेप पीड़िता की सड़क हादसे में घायल होने के बाद से अब हालत में बहुत ही हल्का सा सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी पीड़िता और उसके वकील दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है।
लखनऊ: रायबरेली सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उनके वकील की हालत मंगलवार तीसरे दिन भी स्थिर बनी रही। हालांकि, पीड़िता की हालत में मामूली सुधार हुआ है लेकिन वह अब भी वेंटीलेटर पर है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि ''पीड़िता को मल्टीप्ल फ्रैक्चर है, साथ ही सीने में भी चोट है। उसका सीटी स्कैन कराया गया है। सिर में कोई चोट होने का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। पीडि़ता की हालत स्थिर है और डाक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है। अब भी वह वेंटीलेटर पर है।''
उन्होंने बताया कि हादसे में घायल वकील महेंद्र सिंह को आज दिन में कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाया गया था, इस दौरान उनकी हालत स्थिर रही। बाद में फिर उन्हें वेंटीलेटर पर डाल दिया गया। इलाज के लिये दूसरे अस्पतालों से विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाने के बारे में एक सवाल के जवाब में डॉ तिवारी ने कहा जरूरत पड़ने पर शहर के दूसरे अस्पतालों, संजय गांधी पीजीआई और लोहिया अस्पताल के डाक्टरों को भी बुलाया जा सकता है।
गौरतलब है कि रविवार (28 जुलाई) को एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी थी, जिसमें पीड़िता अपने रिश्तेदारों और वकील के साथ सवार थी। इस घटना में उसकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई जबकि पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्नाव रेप कांड पीड़िता की कार के एक्सीडेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की लचर कार्रवाई पर चिंता जताई है।
उन्नाव मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कल सुनवाई करने का फैसला किया है। साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की चिट्ठी कोर्ट के सामने पेश न करने पर नाराजगी जताई है। इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से पूछा है कि अपनी सुरक्षा की गुहार लगाने वाली पीड़िता की चिट्ठी को उनके सामने क्यों नहीं पेश किया गया।
दरअसल, पीड़ित परिवार की तरफ से 12 जुलाई को चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा गया था जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर के लोगों की तरफ से उन्हें केस वापिस लेने के लिए धमकाने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की हालत पर भी चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। इस मौके पर कोर्ट ने पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।