लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आने वाले सभी प्रवासी कामगारों को क्वारंटीन किया जाएगा। राज्य सरकार ने 56 जिलों में केन्द्र स्थापित किए हैं, जहां पहले प्रवासी श्रमिकों का परीक्षण किया जाएगा और फिर जिनके पास घर पर क्वारंटीन होने की कोई सुविधा नहीं है, उन्हें दो सप्ताह के लिए इन केन्द्रों में रखा जाएगा। इसी तरह सरकार ने हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप पर निगरानी बढ़ा दी है। सभी की जांच करवाई जाएगी जिनमें कोरोना के लक्षण होंगे उन्हें कोरोना केन्द्र में रखा जाएगा। जबकि अन्य को घर पर ही क्वारंटीन होने को कहा जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा, "हरिद्वार कुंभ से लौटने वालों को कोई अलग से दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। जरूरी है कि सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाए और फिर उन्हें आईसोलेट किया जाए। जो लोग घर पर सुरक्षित तरीके से आईसोलेट हो सकते हैं उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहा जाएगा।"
उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को आरटी-पीसीआर परीक्षण करवाना होगा। यह परीक्षण सभी जिलों में किया जाएगा। आने वाले लोगों की पहचान 'निगरानी समिति' द्वारा की जाएगी और परीक्षण के बाद उन्हें आईसोलेट किया जाएगा। आईसोलेशन केंद्रों में निगरानी के 14 दिनों के बाद इन प्रवासियों को राज्य परिवहन निगम की बसों द्वारा घर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, जिन्हें प्रति माह 1,000 रुपये भत्ते के रूप में दिए जा सकते हैं। सरकार ने पिछले साल भी प्रवासी कामगारों, स्ट्रीट वेंडरों, पेंशनरों को इसी तरह का भत्ता दिया था।
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