A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश भूख से 19 वर्षीय प्रवासी मजदूर की मौत, उप्र सरकार को एनएचआरसी का नोटिस

भूख से 19 वर्षीय प्रवासी मजदूर की मौत, उप्र सरकार को एनएचआरसी का नोटिस

लुधियाना से 350 किलोमीटर पैदल चलकर राज्य में अपने घर जा रहे 19 वर्षीय एक प्रवासी कामगार की सहारनपुर में कथित तौर पर भूख से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है।

<p>Migrant Labor</p>- India TV Hindi Image Source : AP Migrant Labor

नयी दिल्ली। लुधियाना से 350 किलोमीटर पैदल चलकर राज्य में अपने घर जा रहे 19 वर्षीय एक प्रवासी कामगार की सहारनपुर में कथित तौर पर भूख से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने विपिन कुमार की मौत को “मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला” बताया है। एनएचआरसी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कोविड-19 संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक स्थिति, उनकी बीमारी, सड़कों पर बच्चों को जन्म देने और उनकी मौत से संबंधित घटनाएं उसके संज्ञान में आई हैं। 

आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने 19 वर्षीय प्रवासी की सहारनपुर में कथित तौर पर भूख से हुई मौत के बारे में मीडिया में आई खबरों पर स्वत:संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। खबरों में कहा गया था कि वह छह दिनों में साढ़े तीन सौ किलोमीटर पैदल चलकर लुधियाना से यहां आया था। बयान में कहा गया कि वह उत्तर प्रदेश के हरदोई स्थित अपने घर जा रहा था। बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार से चार हफ्ते में जवाब देते हुए यह बताने को कहा गया कि विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की वर्तमान स्थिति क्या है, जो अपने घर लौटना चाहते हैं, उनकी सुगम वापसी सुनिश्चित करने के लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं। 

इसमें कहा गया कि मीडिया में ऐसी खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी कामगारों के लिये राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा पर छायादार आश्रय तथा जिन बसों में वह सफर करेंगे उनमें खाना और पीने का पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। बयान में कहा गया, हालांकि ऐसे लग रहा है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई घोषणाओं पर जमीनी स्तर पर अमल नहीं हो रहा है जिसके कारण प्रवासी मजदूर अब भी पीड़ा झेल रहे हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक विपिन कुमार लुधियाना में एक दुकान पर काम करता था। उसने 12 मार्च को पैदल ही हरदोई के सुरसा स्थित अपने घर के लिये यात्रा शुरू की। 

बयान में खबर का हवाला देते हुए कहा गया, “लेकिन बिना खाना खाए छह दिनों तक लगातार पैदल चलने और 350 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सहारनपुर के निकट वह सड़क पर गिर गया। एक एंबुलेंस ने उसे सड़क पर पड़े देखा और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने कहा कि उसकी मौत भूख से हुई।” बताया जाता है कि कुमार ने अपने परिवार को 12 मई को बताया था कि वह घर लौट रहा है। बयान में कहा गया कि जैसा की खबरों में कहा गया, उसके पिता ने कहा था कि कुमार के पास पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

Latest Uttar Pradesh News